कांग्रेस ने किसानों की आय दोगुनी करने के वादे को पूरा करने में सरकार के विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा…
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी (Congress) ने किसानों (Farmers) की आय (Income) दोगुनी करने के वादे को पूरा करने में गवर्नमेंट के विफल रहने का इल्जाम लगाते हुए बृहस्पतिवार को बोला कि अंतरिम बजट (Interim Budget) 2024-25 में किसानों एवं श्रमिकों की अनदेखी की गयी है।
उच्च सदन में अंतरिम बजट 2024-25 पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस पार्टी के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बोला कि यह बजट राष्ट्र के मेहनतकश श्रमिकों के लिए नहीं है। उन्होंने बोला कि यह राष्ट्र के अन्नदाता किसानों और खेतिहर श्रमिकों के लिए नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि यहां ईमानदारी से रोटी कमाने वाले और राष्ट्र संवारने वालों के लिए भी कुछ नहीं है।” उन्होंने बोला कि कई बार ऐसा लगता है कि गवर्नमेंट ने महात्मा गांधी के हिंदुस्तान से अपना मुंह मोड़ लिया है।
सुरजेवाला ने बोला कि पीएम नरेंन्द्र मोदी ने 2016 में बरेली में एक रैली के दौरान राष्ट्र से यह वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। कांग्रेस पार्टी सदस्य ने बोला कि किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई पर दर्द सौ गुना हो गया। उन्होंने बोला कि पीएम ने कई बार बोला था कि किसानों की लागत पर पचास फीसदी फायदा देंगे।
उन्होंने बोला कि मोदी गवर्नमेंट ने 21 फरवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट में एक शपथ पत्र देकर बोला था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत जमा पचास फीसदी मुनाफे पर निर्धारित नहीं हो सकता क्योंकि इससे बाजार विकृत हो जाएगा। सुरजेवाला ने कहा, ‘‘लागत पर पचास फीसदी का फायदा देने का किसानों से जो वादा किया गया था वह पंद्रह लाख रूपये सभी नागरिकों को देने के वादे की तरह एक जुमला निकल गया”।
उन्होंने प्रश्न किया जब अन्नदाता खुदकुशी के लिए विवश हो जाए तो सत्ता का सिंहासन डोलता क्यों नहीं है? उन्होंने राष्ट्रीय क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बोला कि राष्ट्र में 2014 से 2019 तक नौ साल में एक लाख 474 किसानों एवं खेतिहर मजदूर खुदकुशी को विवश हो गये। उन्होंने पूछा कि गवर्नमेंट अपने मन के दरवाजे खोलकर किसानों की बात क्यों नहीं सुनती है?
सुरजेवाला ने 2022 की एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बोला कि इस साल में 11,290 किसानों एवं खेत श्रमिकों ने खुदकुशी की यानी हर एक घंटे में एक किसान या खेतिहर मजदूर खुदकुशी को विवश हो रहा है। उन्होंने एनएसएसओ की रिपोर्ट के हवाले से बोला कि राष्ट्र के किसान की रोजाना आय 27 रूपये है और राष्ट्र के हर किसान पर 27 हजार रूपये का ऋण है।