CM केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ अपील पर SC ने अपनाया सख्त रूख, कहा…
बिना क्राइम के साक्ष्य पर गिरफ्तारी कैसे करें?
केजरीवाल के वकील अजय मनु सिंघवी ने न्यायालय के सामने दलील दी कि किसी आदमी को क्राइम के सबूत के आधार पर ही अरैस्ट किया जा सकता है। महज संदेह के आधार पर किसी को कैसे अरैस्ट किया जा सकता है। उन्होंने बोला कि यह मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे का नियम है। यह भी बोला कि जांच एजेंसी ने केजरीवाल का दोबारा बयान नहीं लिया।
अगर केजरीवाल बयान देने नहीं जाते तो जांच अधिकारी क्या करें?
जज ने बोला कि केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति मुद्दे में 21 मार्च से अरैस्ट किया गया था। इसके बाद न्यायालय में पेशी के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ कारावास भेज दिया गया। इसके बाद से केजरीवाल लगातार जमानत और गिरफ्तारी की अपील कर रहे हैं. ताजा सुनवाई में दो जजों की बेंच जस्टिस संजीव खन्ना ने बोला कि यदि आप धारा 50 के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय के सामने अपना बयान दर्ज कराने से इनकार करते हैं तो आप गिरफ्तारी के विरुद्ध यह दलील नहीं दे सकते कि आपका बयान नहीं लिया गया. न्यायालय ने बोला कि यदि केजरीवाल बार-बार बयान देने नहीं जाते हैं तो जांच अधिकारी को क्या करना चाहिए?
समन पर मौजूद न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं है
ईडी ने न्यायालय में अपने हलफनामे में बोला था कि सीएम केजरीवाल को भेजे गए समन में वह 9 बार प्रवर्तन निदेशालय के सामने बयान देने के लिए पेश नहीं हुए। इस पर केजरीवाल के वकील ने बोला कि समन पर पेश न होना या समन का असहयोग करना किसी आदमी को अरैस्ट करने का आधार नहीं हो सकता।