भूमि विवाद में एक चिकित्सक की पीट कर हत्या,आरोपी पर 50,000 रुपये का नकद इनाम
सुलतानपुर जिले के कोतवाली क्षेत्र में भूमि टकराव में एक डॉक्टर की कथित तौर पर पीट कर मर्डर के दो दिन बाद प्रशासन द्वारा मांग माने जाने के बाद उनके परिवार के सदस्यों ने सोमवार को मृतशरीर का आखिरी संस्कार कर दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोमवार को मर्डर के संबंध में एक आरोपी को अरैस्ट किया गया और मुख्य आरोपी पर 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी घोषित किया।
उन्होंने कहा कि कोतवाली नगर क्षेत्र में मर्डर की दो भिन्न-भिन्न घटनाओं में कोतवाली पुलिस की कार्य प्रणाली ठीक नहीं होने पर कोतवाली नगर प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।
इसके पहले, रविवार को डॉक्टर के परिवार के सदस्यों ने मौके पर सीएम के आने तक मृतशरीर का आखिरी संस्कार करने से इनकार कर दिया था और फिर छह सूत्री मांग सामने रखी थी। सोमवार को सुल्तानपुर पहुंचे सपा (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डॉक्टर की पीटकर मर्डर की घटना को दुखद बताया।
उन्होंने राज्य गवर्नमेंट पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘जब किसी घटना में बीजेपी (भाजपा) के लोग शामिल होते हैं तो बाबा के बुलडोजर की चाभी खो जाती है।’’
यादव ने इल्जाम लगाया, ‘‘मुझे यह पता चला है कि डॉक्टर की मर्डर में बीजेपी नेता के परिवार के लोगों का हाथ है। पीड़ित परिवार को 24 घण्टे के अन्दर गवर्नमेंट से इन्साफ मिलना चाहिए।’’
जिलाधिकारी जसजीत कौर द्वारा छह सूत्री मांगों की लिखित संस्तुति करने के बाद मृतशरीर का आखिरी संस्कार तीर्थ स्थल धोपाप घाट पर किया गया। इस मौके पर परिजनों को सांत्वना देने भीड़ उमड़ पड़ी।
पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने कहा कि डॉक्टर हत्याकांड से जुड़े आरोपी जगदीश नारायण सिंह को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे कारावास भेज दिया गया।
वहीं, मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह पर 50 हजार का पुरस्कार घोषित किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि डॉक्टर की पत्नी निशा को पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है।
कोतवाली नगर क्षेत्र भीतर अधिवक्ता हत्याकांड और डॉक्टर हत्याकांड में कार्य के प्रति उदासीनता एवं शिथिलता बरतने पर कोतवाली नगर प्रभारी राम आशीष उपाध्याय को निलंबित कर जांच शुरु कर दी गई है।
लम्भुआ कोतवाली के सखौली कला के निवासी डाक्टर घनश्याम त्रिपाठी जिले के जयसिंहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत थे।
पोस्टमार्टम के बाद रविवार को मृतशरीर करीब साढ़े तीन बजे डॉक्टर के पैतृक गांव लाया गया तो लोगों का आक्रोश उभर कर सामने आ गया।
परिजन मृतशरीर का आखिरी संस्कार न करने पर अड़ गए। पहले तो लोगों की मांग सीएम या उप सीएम को बुलाने की थी पर, बाद में उन्होंने पत्नी को नौकरी, एक करोड़ मुआवजा, जमीन पर कब्जा, आरोपियों की सम्पत्ति पर बुलडोजर चलाया जाना एवं गिरफ्तारी की तुरन्त कार्रवाई पर बल दिया।
पीड़ित परिवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि डॉक्टर की पत्नी के छह सूत्री लिखित मांग पत्र पर जिलाधिकारी ने मंजूर लिखकर अपने हस्ताक्षर कर दिए, तब जाकर मृतशरीर के दाह संस्कार के लिए परिवार के लोग धोपाप घाट पहुंचे।
जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह सहमति पत्र डॉक्टर के भाई राधेकृष्ण को सौंपा गया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से उनके कार्यालय पर मिलकर पीड़ित परिवार को इन्साफ दिलाने एवं आरोपियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि पीड़ित परिवार की हर तरह से सहायता की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक बर्मा ने रविवार को संवाददाताओं को कहा था कि डॉक्टर ने वह जमीन हत्याकांड के मुख्य आरोपी अजय नारायण सिंह से खरीदी थी तथा आरोपी धन की मांग कर रहे थे और डॉक्टर को जमीन का कब्जा नहीं दे रहे थे।
अधिकारियों ने कहा कि हमले के बाद घायल डॉक्टर को उनके घर तक छोड़ने वाले ई-रिक्शा चालक से भी पूछताछ की जा रही है। डॉक्टर की पत्नी निशा त्रिपाठी ने इल्जाम लगाया था कि नारायणपुर के रहने वाले कुछ लोगों ने जमीन टकराव में उनके पति की मर्डर कर दी।