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बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने कहा-सत्ता हमारा लक्ष्य नहीं, संघर्ष हमारा नारा

मुंबई: बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने बोला कि सत्ता हमारा लक्ष्य नहीं, संघर्ष हमारा नारा है पार्टी एवं नेतृत्व के साथ अपने संबंधों के बारे में अटकलों को लेकर पंकजा ने खुलकर चर्चा की मुंडे ने बोला कि उन्होंने हमेशा अपनी पार्टी के अनुशासन का पालन किया तथा अपनी पार्टी के नेतृत्व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया पार्टी के प्रति वफादार होने के बाद भी उन्हें प्रमुख पदों से लगातार दरकिनार कर दिया गया है

पंकजा ने बोला कि मैंने स्वयं कभी ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की हालांकि मुझ पर हमेशा असंतुष्ट होने तथा अन्य सियासी विकल्प खोजने का कोशिश करने का इल्जाम लगाया गया है, जो सच नहीं है 2019 में पंकजा परली विधानसभा क्षेत्र में अपने चचेरे भाई तथा NCP नेता धनंजय मुंडे से चुनाव हार गईं थी तत्पश्चात, उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर काम करने का इरादा कहा था मुंडे ने बोला कि मेरी पार्टी ने मुझे मध्य प्रदेश का सह-प्रभारी बनाया, जहां मैं तकरीबन पूरे जून में कार्यक्रमों में व्यस्त थी बीते 2 महीनों में जब उन्होंने ब्रेक का घोषणा किया तो उन्होंने महसूस किया कि औनलाइन बैठकों में भाग लेने के बड़ा भी उन्हें पार्टी से संदेश मिलना बंद हो गया था, उन्होंने बोला कि मैं दूसरों के काम या जिम्मेदारी में हस्तक्षेप नहीं करूंगी यह हमारी पार्टी की संस्कृति नहीं है

मुंडे ने बोला कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि 2019 के विधानसभा चुनावों के लिए उनके व्यापक प्रचार को नजरअंदाज कर दिया गया, उनकी हार ही उनके प्रदर्शन की एकमात्र कसौटी बनकर रह गई उन्होंने बोला कि प्रदेश भर में उन्होंने सीएम के पश्चात् दूसरे नंबर पर सबसे अधिक रैलियां की थीं पंकजा ने बोला कि जब भी किसी विधान परिषद या राज्यसभा के लिए चुनाव होते हैं, तो मेरा नाम अग्रणी दावेदार के तौर पर पेश किया जाता है एक बार मुझे शीर्ष नेतृत्व द्वारा विधान परिषद के सदस्य के लिए फॉर्म भरने के लिए भी बोला गया था हालांकि आखिरी वक़्त पर मुझे नाम वापस लेने और उम्मीदवारी नहीं भरने के लिए टेलीफोन आया बीते दिनों अजित पवार गुट को शिवसेना-भाजपा गवर्नमेंट में सम्मिलित करने के बारे में मुंडे ने बोला कि NCP के मंत्रियों की शपथ ग्रहण से पहले उनसे राय नहीं ली गई थी

 

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