‘PAK में हिंदुओं-सिखों पर हो रहा अत्याचार’, IWF बोला…
दुनिया के विभिन्न राष्ट्रों में बसे प्रवासी हिंदुस्तानियों के लिए काम करने वाले एक संगठन ने पाक में हिंदुओं और सिखों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर मुसलमान वर्ल्ड लीग के सामने चिंता जताई है। संगठन ने लीग से मांग की है कि वह पाक गवर्नमेंट से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग करे, जिससे कि अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल ईसा को लिखे पत्र में भारतीय वर्ल्ड फोरम (IWF) के अध्यक्ष पुनीत सिंह चंढोक ने बोला कि पाक में ‘हिंदू और सिख लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, किडनैपिंग और राज्य प्रायोजित अल्पसंख्यकों की मर्डर जैसे अत्याचार हो रहे हैं’ जो चिंता के विषय हैं।
‘UN चार्टर पर पालन नहीं कर रहा पाकिस्तान’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जनसांख्यिकी में कमी इंगित करती है कि पाक संयुक्त देश घोषणा पत्र का अनुपालन नहीं कर रहा है। खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध प्रांत में कई युवा लड़कियों का किडनैपिंग किया गया, या वे लापता हैं और उनका यौन शोषण और दुर्व्यवहार किया जा रहा है।’
चंडोक ने इसके साथ ही कहा, ‘उनके माता-पिता और अभिभावकों द्वारा क्षेत्रीय ऑफिसरों से कई बार की गई अपीलों और शिकायतों के बावजूद, पाक गवर्नमेंट कोई निवारक तरीका या उत्तरदायी कार्रवाई करने में विफल रही है। इसके उलट अधिकारी वहां रह रहे अल्पसंख्यकों के विरुद्ध जघन्य अपराधों में शामिल सभी लोगों की सुरक्षा और बचाव में मददगार हैं।’
पाकिस्तानी नेतृत्व से बात करे मुसलमान वर्ल्ड लीग
चंडोक ने मुसलमान वर्ल्ड लीग से अपील करते हुए कहा, ‘आप कृपया वहां रहने वाले हिंदुओं, सिखों और अन्य धर्मों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाक के नेतृत्व से संपर्क करने और हस्तक्षेप करने पर विचार करें।’ इसके साथ ही उन्होंने बोला कि पाक गवर्नमेंट को वहां अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों और संपत्तियों की पूर्ण पवित्रता सुनिश्चित करनी चाहिए।
बता दें कि मुसलमान वर्ल्ड लीग (MWL) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, जिसका मुख्यालय सऊदी अरब के मक्का में है। इस संगठन में सभी इस्लामिक राष्ट्रों और संप्रदायों के सदस्य शामिल हैं। इसका उद्देश्य इस्लाम और उसके सहिष्णु सिद्धांतों को प्रस्तुत करना, मानवीय सहायता प्रदान करना, सभी के साथ संवाद और योगदान के पुलों का विस्तार करना, सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं के लिए सकारात्मक खुलेपन में संलग्न होना, केंद्रवाद और धैर्य के मार्ग का पालन करना और उग्रवाद, अत्याचार तथा बहिष्कार का आह्वान करने वाले मुहिमों को रोकना है।