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64 साल की उम्र में अजित पवार ने कई मौकों पर अपने इरादे स्पष्ट किए

शरद पवार ने बोला कि अजित पवार सिर्फ़ सपने में ही सीएम बनेंगे 64 वर्ष की उम्र में अजित पवार ने कई मौकों पर अपने इरादे साफ कर दिए हैं और खुले तौर पर सीएम पद तक पहुंचने की अपनी उत्सुकता जाहिर की है

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार की महाराष्ट्र के सीएम बनने की महत्वाकांक्षाओं पर शक व्यक्त किया शरद पवार ने इन आकांक्षाओं को एक “सपने” से अधिक कुछ नहीं कहकर खारिज कर दिया और बोला कि वे कभी भी साकार नहीं होंगी अजित पवार वर्तमान में उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, राज्य में शीर्ष पद पर पदोन्नति की अपनी ख़्वाहिश के बारे में काफी मुखर रहे हैं अजित पवार और शरद पवार के रिश्तों में खटास तब आ गया था जब भतीजे अजित पार्टी के कुछ विधायकों का समर्थन हासिल कर एकनाथ शिंदे और बीजेपी के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट में शामिल हो गए इसे एनसीपी में बड़ी फुट माना गया हालांकि, लगातार शरद पवार की ओर से एनसीपी में फूट से इनकार किया जाता रहा है

शरद पवार ने बोला कि अजित पवार सिर्फ़ सपने में ही सीएम बनेंगे 64 वर्ष की उम्र में अजित पवार ने कई मौकों पर अपने इरादे साफ कर दिए हैं और खुले तौर पर सीएम पद तक पहुंचने की अपनी उत्सुकता जाहिर की है बाद में उन्होंने “संख्या के खेल” के महत्व को स्वीकार करते हुए स्वीकार किया कि यह लक्ष्य सिर्फ़ विधान सभा के सदस्यों से जरूरी समर्थन हासिल करके ही हासिल किया जा सकता है शरद पवार की हालिया घोषणा ने उनके भतीजे की बेलगाम महत्वाकांक्षाओं और उन लोगों के लिए एक जरूरी झटका दिया है, जिन्होंने तुरन्त नहीं तो भावी सीएम की किरदार के लिए उनकी उम्मीदवारी का उत्साहपूर्वक समर्थन किया है

पवार ने यह भी बोला कि बीजेपी (भाजपा) का राष्ट्र के 70 फीसदी राज्यों में शासन नहीं है और वह महाराष्ट्र की सत्ता भी गंवा देगी उन्होंने विश्वास जताया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) 2024 के चुनाव के बाद महाराष्ट्र की सत्ता में आएगा एमवीए में राकांपा के अतिरिक्त शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस पार्टी दो अन्य घटक हैं शरद पवार ने बोला कि बीजेपी कुछ राज्यों में अन्य दलों को तोड़कर सत्ता में आई, लेकिन उसका 70 फीसदी राज्यों में शासन नहीं है वंचित बहुजन आघाडी नेता प्रकाश आंबेडकर के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल होने पर शरद पवार ने बोला कि वह इसको लेकर सकारात्मक हैं उन्होंने रेखांकित किया कि उनके पूर्व सहयोगी छगन भुजबल ने एक बार सुप्रिया सुले को राकांपा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया था लेकिन भुजबल ने अब स्वयं पाला बदल लिया है

 

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