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Arvind Kejriwal ने Delhi High Court से कहा…

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक नयी याचिका दाखिल की है और दिल्ली हाई कोर्ट से बोला है कि प्रवर्तन निदेशालय को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मुद्दे में उन्हें जारी किए गए जांच एजेंसी के समन के संबंध में उनके विरुद्ध “जबरदस्ती कार्रवाई” न करने का निर्देश दिया जाए. उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से यह आश्वासन भी मांगा कि यदि उन्होंने कई समन का पालन किया तो कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी.

केजरीवाल की ताजा याचिका पर जस्टिस सुरेश कुमार कैत की पीठ आज सुनवाई करेगी. आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो ने न्यायालय में अपनी याचिका में कहा, “प्रवर्तन निदेशालय को न्यायालय के समक्ष आश्वासन देना चाहिए कि यदि मैं समन का पालन करता हूं तो वह मेरे विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा.

उत्पाद शुल्क नीति मुद्दे में गिरफ्तारी की संभावना जताते हुए सीएम ने बोला कि वह प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने को तैयार हैं, यदि वह उन्हें आश्वासन दे कि उन्हें अरैस्ट नहीं किया जाएगा या हाई कोर्ट को आदेश देना होगा कि उनके विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें जारी किए गए सभी नौ समन को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान, उनके वकील ने न्यायालय से बोला कि उन्हें संभावना है कि यदि केजरीवाल अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी हो सकती है.

हालांकि उच्च न्यायालय ने बुधवार की सुनवाई के दौरान समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय को दो हफ्ते के भीतर अपना उत्तर दाखिल करने को बोला और बोला कि वह 22 अप्रैल को मुद्दे की सुनवाई करेगा.

उच्च कोर्ट द्वारा समन पर रोक लगाने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद, केजरीवाल ने उसी मुद्दे में अपना नया आवेदन दाखिल किया और उनके विरुद्ध “कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं” करने का आदेश देने की मांग की. बुधवार को सुनवाई में न्यायालय ने केजरीवाल के वकील से पूछा कि वह केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने क्यों नहीं पेश हुए.

इसके उत्तर में वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंधवी ने बोला कि गिरफ्तारी से सुरक्षा मिलनी चाहिए और उनके विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए

उन्होंने बोला कि “मैं कोई आम क्रिमिनल नहीं हूं… मैं कहां भाग सकता हूं? क्या समाज में मुझसे ज़्यादा किसी की जड़ें हो सकती हैं?”

सिंघवी ने यह भी बोला कि “हमने प्रवर्तन निदेशालय के सभी समन का उत्तर दाखिल कर दिया है”. “हमने बोला है कि हम वस्तुतः किसी भी समय प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने और उत्तर देने के लिए तैयार हैं.” उच्च कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के नौवें समन का उत्तर देंगे जिसमें उन्हें 21 मार्च (गुरुवार) को पेश होने के लिए बोला गया था.

इसके उत्तर में सिंघवी ने कहा, “नहीं. यदि वे कहते हैं कि वे अरैस्ट नहीं करेंगे या न्यायालय कोई दंडात्मक कार्रवाई का आदेश नहीं देती है, तो मैं जाऊंगा. चुनाव आ रहे हैं. उनका उद्देश्य बहुत साफ है.

रविवार को जारी किया गया नौवां समन दिल्ली की एक न्यायालय द्वारा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कई समन जारी न करने के लिए दाखिल की गई दो शिकायतों में आप सुप्रीमो को जमानत देने के एक दिन बाद आया है. इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू न्यायालय के समक्ष दो शिकायतें दाखिल की थीं, जिसमें मुद्दे में उन्हें जारी किए गए कई समन को नजरअंदाज करने के लिए केजरीवाल के विरुद्ध केस चलाने की मांग की गई थी.

ताजा कम्पलेन सीएम द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 के अनुसार संघीय जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन संख्या चार से आठ का सम्मान नहीं करने से संबंधित है. पहली कम्पलेन केजरीवाल द्वारा मुद्दे में उन्हें जारी किए गए पहले तीन समन का पालन न करने से संबंधित है.

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल आरोपपत्रों में, मुद्दे के संबंध में उनके नाम का कई बार उल्लेख किया गया है. आप नेता मनीष सिसौदिया और संजय सिंह, पार्टी संचार प्रभारी विजय नायर और कुछ शराब कारोबारियों को अब तक अरैस्ट किया जा चुका है.

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