नूंह में हुई हिंसा के आरोपियों पर खट्टर सरकार के बुलडोजर एक्शन पर एआईएमआईएम अध्यक्ष नाराज
Asaduddin Owaisi On Nuh: हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh) में हुई अत्याचार के आरोपियों पर खट्टर गवर्नमेंट के बुलडोजर एक्शन पर एआईएमआईएम (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) नाराज हैं। ओवैसी ने ट्वीट कर कार्रवाई पर प्रश्न उठाए हैं। ओवैसी ने बोला कि हरियाणा में गरीबों को बेघर किया जा रहा है। केवल गरीब मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। इस दौरान ओवैसी ने कानूनी प्रक्रिया का जिक्र भी किया। ओवैसी ने बोला कि केवल आरोप की बुनियाद पर एक्शन लिया जा रहा है। एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। वास्तविक मुजरिम खुलेआम घूम रहे हैं।
एक्शन पर ओवैसी के सवाल
ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम न्यायालय ने बोला था कि कोई भी बुलडोजर एक्शन लेने से पहले गवर्नमेंट को कानून की प्रक्रिया (Due Process) का पालन करना होगा। बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। बस आरोप की बुनियाद पर सैकड़ों गरीब परिवारों को बेघर कर दिया गया। भले ही संघी अपनी बर्बरता पर गर्व करते हों, लेकिन न ये कानूनी तौर पर ठीक है और न ही मानवता के तकाजे से सही है। हरियाणा में केवल गरीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। वास्तविक मुजरिम बंदूक लेकर खुलेआम घूम रहे हैं। उनके आगे तो खट्टर गवर्नमेंट ने अपने घुटने टेक दिए। मिट्टी के मकान और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ कर अपने-आप को शक्तिशाली समझना क्या बड़ी बात है?’
प्रशासन की है ये दलील
असदुद्दीन ओवैसी ने प्रश्न उठाते हुए बोला है कि प्रशासन सिर्फ़ मुसलमानों के घरों को गिरा रहा है जबकि दूसरे आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इधर हरियाणा के प्रशासन का दावा है कि जिन घरों और दुकानों को तोड़ा गया। ऐसा नहीं है कि वो सभी घर और दुकानें आरोपियों के नाम पर हैं।
सुनियोजित थी नूंह हिंसा
सूत्रों के हवाले समाचार है कि नासिर और जुनैद की मर्डर का बदला लेने के लिए नूंह अत्याचार का प्लान तैयार किया गया था। ये प्रश्न इसलिए उठ रहा है क्योंकि अत्याचार के 8 आरोपियों की गिरफ्तारी राजस्थान के उन इलाकों से हुई है जहां से नासिर और जुनैद का कनेक्शन था और ये अनेक क्षेत्र नूंह से महज 50 किलोमीटर के दायरे में ही आते हैं।
राजस्थान कनेक्शन आया सामने
बता दें कि 15 फरवरी 2023 ये वो तारीख थी जब राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले नासिर और जुनैद लापता हुए और 16 फरवरी को इन दोनों की लाशों के जले हुए कंकाल हरियाणा के भिवानी में मिलते हैं। इन दोनों के हत्याकांड के ठीक 6 महीने बाद तारीख आती है 31 जुलाई, जब हरियाणा के नूंह मेवात समेत कई जिलों में दंगा होता है। आखिर इन दोनों तारीखों का कनेक्शन क्या है। इस पर प्रश्न उठ रहे हैं।
नूंह अत्याचार को भिवानी के जंगलों में हुई नासिर-जुनैद की मर्डर के बदले से जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि राजस्थान से सटे मेवात के कई गांवों में पहले पंचायतें की गई थीं। यहां से भारी संख्या में भीड़ नूंह पहुंची थी। इसके बाद ही दंगा भड़कता है और दंगाई ऐसा तांडव मचाते हैं कि अब तक वहां हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं।
नूंह दंगों पर जो खुलासा हुआ है उसके अनुसार तो यही लग रहा है कि नूंह में भड़की अत्याचार की चिंगारी राजस्थान से उठी थी क्योंकि अत्याचार के 8 आरोपियों की गिरफ्तारी राजस्थान के भिन्न भिन्न जिलों से हुई है। सूत्रों के मुताबिक, ये आरोपी भरतपुर और अलवर जिले के मेवात क्षेत्र के गांवों से वहां पहुंचे थे और अब भी कई लोग हिरासत में हैं जिनसे पूछताछ की जा रही है।