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FCC दक्षिण एशिया में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए,कहा …

नई दिल्ली: कनाडा के साथ जारी राजनयिक युद्ध के बीच श्रीलंका ने सोमवार (25 सितंबर) को हिंदुस्तान का समर्थन किया है श्रीलंका का समर्थन उस सन्दर्भ में आया है, जब कनाडा ने नयी दिल्ली पर कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर में शामिल होने का इल्जाम लगाया है हिंदुस्तान में श्रीलंका के उच्चायुक्त, मिलिंडा मोरागोडा ने बल देकर बोला कि कोलंबो में आतंकवाद के प्रति कोई सहिष्णुता (Zero tolerance for terrorism) नहीं है उन्होंने बोला कि इस मुद्दे पर हिंदुस्तान की प्रतिक्रिया दृढ़ है और इस बात पर बल दिया कि श्रीलंका इस मामले पर हिंदुस्तान का समर्थन करता है

FCC दक्षिण एशिया में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने बोला कि, ‘भारत की प्रतिक्रिया दृढ़ और सीधी है, हम हिंदुस्तान का समर्थन करते हैं श्रीलंका पिछले चार दशकों में आतंकवाद के विभिन्न रूपों से पीड़ित रहा है और इसलिए हम आतंकवाद के प्रति एकदम भी बर्दाश्त नहीं करते हैंउल्लेखनीय है कि FCC साउथ एशिया नयी दिल्ली में विदेशी संवाददाताओं और भारतीय पत्रकारों का एक क्लब है प्रेस वार्ता के दौरान, निवर्तमान आयुक्त मोरागोडा ने बोला कि यदि श्रीलंका को हिंदुस्तान से समर्थन नहीं मिला होता तो वह स्थिर नहीं होता उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अगले वर्ष मार्च तक हिंदुस्तान और श्रीलंका एक समझ विकसित कर सकते हैं और एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं

बता दें कि, वर्तमान में, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा 18 सितंबर को हिंदुस्तान पर खालिस्तानी आतंकी हरजीत सिंह निज्जर को कनाडा की धरती पर मारने का इल्जाम लगाने के बाद हिंदुस्तान और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों में गिरावट आ रही है, जिसे हिंदुस्तान ने बेतुका और प्रेरित कहा है ट्रूडो ने कनाडा की संसद में बिना कोई सबूत पेश किए ये इल्जाम लगाए इसके बाद कनाडा ने एक भारतीय राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया ट्रूडो की भाषा कनाडा में रहने वाले खालिस्तानियों से मेल खाती थी, जहां उन्होंने नज्जर की मर्डर के लिए हिंदुस्तान को उत्तरदायी ठहराया था त्वरित प्रतिक्रिया में, भारतीय विदेश मंत्रालय ने निज्जर की मर्डर में हिंदुस्तान की संलिप्तता के आरोपों का खंडन किया और इसे “बेतुका और प्रेरित” बताया बाद में, हिंदुस्तान ने एक राय भी जारी की जिसमें कनाडा में रहने वाले भारतीय नागरिकों और विद्यार्थियों से सावधानी बरतने को बोला गया इसके अतिरिक्त, विदेश मंत्रालय ने अपनी राय में भारतीय नागरिकों से देशभक्त हिंदुस्तानियों के विरुद्ध “राजनीतिक रूप से माफ किए गए” घृणा अपराधों के मद्देनजर कनाडा की यात्रा करने से बचने के लिए भी कहा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बोला कि कनाडा गवर्नमेंट कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जा की मर्डर पर हिंदुस्तान पर लगाए गए आरोपों के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दे रही है दूसरी ओर, उन्होंने साफ किया कि हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने आपराधिक गतिविधियों के बारे में बहुत विशिष्ट जानकारी प्रदान की है और सबूत नियमित आधार पर साझा किए गए हैं बागची ने बोला कि कनाडा की आतंकवादियों, चरमपंथियों और संगठित अपराधों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में प्रतिष्ठा बढ़ रही है बागची ने ट्रुडो पर निशाना साधते हुए बोला कि, “अगर आप कनाडा की प्रतिष्ठा और कुछ समस्याओं के कारण उसे होने वाले हानि के बारे में बात कर रहे हैं, तो कनाडा को स्वयं इस मामले पर ध्यान देना चाहिए ऐसा लगता है कि कनाडा एक ऐसी स्थान होने के कारण बदनाम हो रहा है जहां आतंकवादी, चरमपंथी, और संगठित क्रिमिनल सुरक्षित महसूस करते हैं

 

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