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सम्मेलन से पीएम मोदी की एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई,जिसे देख पाकिस्तान को लगी मिर्ची

PM Narendra Modi Dubai Visit 2023 in COP 28: पीएम मोदी जलवायु सम्मेलन (COP-28) में भाग लेने के लिए दुबई में पहुंचे हुए हैं. वहां पर उन्होंने सम्मेलन से पहले अनेक बड़े राष्ट्रों के शासन प्रमुखों से मुलाकात की, जिसकी फोटोज़ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. लेकिन शुक्रवार को सम्मेलन से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की एक तस्वीर ऐसी भी सामने आई, जिससे निश्चित रूप से पाक को मिर्ची लग जाएगी. हो भी क्यों नहीं, आखिर हिंदुस्तान ने पाक की दुखती रग पर हाथ जो रख दिया है.

गले मिले दोनों शासन प्रमुख

पीएम मोदी ने जलवायु सम्मेलन (COP-28) ने दुबई पहुंचने पर सम्मेलन के आयोजक और संयुक्त अरब अमीरात के शासन प्रमुख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान दोनों नेता (India UAE Relations) एक दूसरे के गले मिले और हाल-चाल पूछा. उनका इस तरह आत्मीय रूप से गले मिलना कोई पहली बार नहीं है. दोनों नेताओं की इस जबरदस्त बॉन्डिंग के साथ ही दोनों राष्ट्रों के आर्थिक और सामरिक संबंध भी पहले से अधिक मजबूत होते जा रहे हैं.

दोनों राष्ट्रों के बीच बढ़ रहा कारोबार

दोनों राष्ट्रों (India UAE Relations) के बढ़ते आर्थिक संबंधों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हिंदुस्तान और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1970 के दशक में सिर्फ़ 18 करोड़ $ प्रति साल का कारोबार होता था. अब वही कारोबार लगातार बढ़कर वित्त साल 2019-20 में 60 अरब $ यानी 4.55 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके साथ ही यूएई हिंदुस्तान का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है. दोनों राष्ट्र अपने संबंधों में गहराई और विविधीकरण करने में लगे हैं.

भारत में 8वां सबसे बड़ा निवेशक

भारत ने साल 2019-20 में यूएई को 29 अरब $ के सामानों का निर्यात किया था. यह उस साल में दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य भी है, जबकि इसी अवधि में हिंदुस्तान ने यूएई से 30 अरब $ का आयात किया, उसमें 21.83 एमएमटी (यूएस 10.9 अरब डॉलर) कच्‍चा ऑयल शामिल रहा. संयुक्त अरब अमीरात 18 अरब $ के अनुमानित निवेश के साथ हिंदुस्तान में आठवां सबसे बड़ा निवेशक भी है.

सामरिक संबंधों में भी मजबूती

आर्थिक संबंधों के अतिरिक्त भारत-यूएई (India UAE Relations) के संबंध सामरिक क्षेत्र में भी मजबूत हो रहे हैं. इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के आक्रामक रवैये को देखते हुए दोनों राष्ट्र निकट आ रहे हैं. इस मुहिम को मजबूत करने के लिए भारत, इजरायल, यूएए और अमेरिका ने मिलकर I2U2 ग्रुप का गठन किया है, जिसे वेस्ट एशिया का क्वाड बोला जा रहा है. यह समूह पश्चिम एशिया में एकजुट होकर चीन की दबंगई को रोकना चाहता है. इसके साथ ही भारत, फ्रांस और यूएई की तिकड़ी भी क्षेत्र में काम कर रही है, जिसका मकसद क्षेत्र में आर्थिक-सामरिक संबंधों को नयी ऊंचाई देना है.

पाकिस्तान की बढ़ रही धड़कन

भारत जितना अधिक यूएई के निकट जा रहा है, उतना ही पाक की धड़कन बढ़ती जा रही है. इसकी वजह ये है कि 57 मुसलमान राष्ट्रों में सऊदी अरब और यूएई ही सबसे पैसे वाले और प्रभावशाली देश हैं और इन दोनों राष्ट्रों के प्रमुखों के साथ प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्सनल कैमिस्ट्री बहुत मजबूत कर रखी है. पाक (India Pakistan Relations) के नेताओं का मानना है कि मुसलमान देश होने के नाते यूएई के संबंध पाक से अधिक मजबूत होने चाहिए न कि हिंदुस्तान से. हालांकि यूएई ने उसकी इस दकियानूसी सोच को रेट देना कब का बंद कर दिया है. यही वजह है कि जम्मू कश्मीर से जब हिंदुस्तान ने अनुच्छेद 370 हटाया तो पाक की खूब हायतौबा के बावजूद यूएई ने उसका कोई साथ नहीं दिया, जिसके चलते उसका अभियान टांय-टांय फिस्स हो गया.

 

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