बीकानेर में ई-कोर्ट की सुविधा शुरू करने की हुई घोषणा
भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को बीकानेर में हमारा संविधान, हमारा सम्मान कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने बोला कि राष्ट्र में समानता बनाए रखने के लिए भाईचारा बहुत महत्वपूर्ण है। संविधान की भावना के अनुसार हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। यदि लोग आपस में लड़ेंगे तो राष्ट्र तरक्की कैसे करेगा। संविधान निर्माताओं की सोच थी कि मानवीय गरिमा का जगह सबसे ऊपर है। बाबा साहेब अंबेडकर ने सुनिश्चित किया था कि संविधान में इन्साफ के मूल्य, स्वतंत्रता और समानता के साथ भाईचारे की भावना और आदमी की गरिमा कायम रहे। उन्होंने बीकानेर में ई-कोर्ट की सुविधा प्रारम्भ करने की घोषणा की।
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में इन्साफ मंत्रालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई ने बोला कि अक्सर मैं देखता हूं कि लोग अपने से जूनियर को सम्मान की दृष्टि से नहीं देखते। अपने ड्राइवर से ढंग से बात नहीं करते। लोग सोचते हैं कि ड्राइवर छोटा है। सफाई करने वाले को हीन भावना से देखते हैं। कोई भी आदमी पद में छोटा हो सकता है, लेकिन उस आदमी की भी उतनी ही गरिमा है, जितनी कि हमारी है। सर्वोच्च कोर्ट में एक पोस्ट है कि जिसको 1950 से जमादार कहते थे। 75 वर्ष से इन्हें जमादार बोला जा रहा था, अब इनका नाम बदल दिया है।
सीजेआई ने बोला कि लोकतंत्र और संविधान के बीच संबंध है। संविधान की समझ, लोकतंत्र की समझ को भी विकसित करती है। हर शख्स को संविधान की बात पहुंचाने की आवश्यकता है। संविधान की भावना को हर नागरिक तक पहुंचाना होगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बोला कि राष्ट्र के किसी भी न्यायालय में क्षेत्रीय भाषा में निर्णय होना चाहिए। यदि मैं दिल्ली में बैठकर कोई फैसला वकील के लिए, न्यायधीश के लिए दे रहा हूं तो वो मुश्किल भाषा में हो सकता है, लेकिन यदि मैं आम आदमी के लिए फैसला कर रहा हूं तो निश्चित रूप से आसान भाषा में होना चाहिए। राष्ट्र के जिला स्तर के न्यायालय की बिल्डिंग में सुधार होना चाहिए। ये बिल्डिंग आधुनिक स्तर की होनी चाहिए। चंद्रचूड ने बोला कि राष्ट्र का उच्चतम न्यायालय नयी दिल्ली के तिलक नगर में बसा है। ऐसे में ये उच्चतम न्यायालय ऑफ तिलक नगर नहीं है, ये उच्चतम न्यायालय ऑफ इण्डिया है तो फिर हिंदुस्तान के हर घर तक पहुंचना चाहिए। राजस्थान उच्च न्यायालय भी केवल जयपुर या जोधपुर का नहीं है, पूरे राजस्थान का है।
सीजेआई ने बीकानेर में ई-कोर्ट की सुविधा प्रारम्भ करने की घोषणा की। उन्होंने बोला कि बीकानेर में बसे हुए वकील अब बीकानेर से ही पैरवी कर सकेंगे। ई-कोर्ट फेज थ्री में केंद्र गवर्नमेंट ने सात हजार करोड़ रुपये का बजट दिया है। इसके माध्यम से बीकानेर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा मिलेगी। बीकानेर में बसे हुए वकील भी उच्च न्यायालय में अपनी बहस कर सकेंगे। उन्होंने बोला कि यदि हम उच्चतम न्यायालय ऑफ इण्डिया है तो हर गांव-शहर तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने बोला कि भारतीय संविधान को केवल वकीलों ने बनाया, ये बोलना गलत होगा। इस संविधान को बनाने में कई सामाजिक और सियासी आंदोलनों का सहयोग था। संविधान का निर्माण सभी वर्गों को ध्यान में रखा गया था। संविधान सिर्फ़ वकीलों का डॉक्यूमेंट्स नहीं है। इसकी आत्मा कई युगों की भावना है। सीजेआई ने बोला कि हिंदुस्तान के संविधान निर्माण में बीकानेर का बड़ा सहयोग रहा है। संविधान सभा के 284 सदस्यों में एक बीकानेर के जसवंत सिंह थे। इसके अतिरिक्त बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह प्रिंसेस चैंबर के चांसलर रहे। हिंदुस्तान का संविधान बहुत निकट से बीकानेर से जुड़ा हुआ है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने उच्चतम न्यायालय और महाराजा गंगा सिंह के जुड़ाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में जहां सीजेआई बैठते थे, वहां कभी महाराजा गंगा सिंह बैठा करते थे। उन्होंने जसवंत सिंह का भी जिक्र किया, जो संविधान सभा का हिस्सा थे।