राष्ट्रीय

34 एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच)-ध्रुव जल्द ही भारतीय सेना में होने जा रहे हैं शामिल

रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही 34 एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच)-ध्रुव इंडियन आर्मी में शामिल होने जा रहे हैं इनमें से इंडियन आर्मी के लिए 25 और भारतीय तट रक्षक बल के लिए 09 हेलिकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव एमके III के अधिग्रहण के लिए रक्षा मंत्रालय ने 8073.17 करोड़ रुपये के संयुक्त मूल्य पर दो अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं इससे इंडियन आर्मी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी यह हेलीकॉप्टर सभी तरह की आधुनिक तकनीकियों से लैस है और हर मौसम में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम है

एएलएच-ध्रुव को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने स्वदेशी तकनीकि का इस्तेमाल करते हुए तैयार किया है इसमें 2 इंजन लगे हैं इसका विकास 1984 में ही प्रारम्भ कर दिया गया था मगर इसके सेना संस्करण को 2002 में प्रमाणीकरण मिला फिर 2004 में इसके नागरिक संस्करण का प्रमाणीकरण भी पूरा हो गया साल 2022 तक एचएएल की ओर से 336 ध्रुव हेलीकॉप्टर का उत्पादन किया जा चुका है आरंभ में इसे जर्मनी की मेसर्सचमिट-बोल्को-ब्लोहम (MBB) कंपनी के साथ डिजाइन किया गया था इसके प्रमुख वेरिएंट को ध्रुव MK-I, MK-II, MK -III और MK-IV हैं ALH-ध्रुव के उत्पादन में सेना सेवाओं को ध्यान में रखते हुए इसे परिवहन,टोही और चिकित्सा निकासी जैसी कार्यों के लिए तैयार किया गया है

प्रमुख खासियत

इसे किसी भी मौसम में इस्तेमाल किया जा सकता है इसमें लगा शक्ति इंजन इसे अधिकतम ऊंचाई तक परिचालन और अतिरिक्त पेलोड क्षमता को पूरा करने के उद्देश्यों को पूरा करता है इसे पहाड़ी और दुर्गम और बीहड़ क्षेत्रों में भी तैनात किया जा सकता है  एएलएच ध्रुव एमके III यूटी (यूटिलिटी) हेलीकॉप्टर को खोज और बचाव, सेना परिवहन, आंतरिक कार्गो, रेकी/हताहत निकासी के लिए डिजाइन किया गया है रक्षा मंत्रालय के ऑफिसरों ने बोला है कि इस हेलिकॉप्टर ने सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपना बेहतर प्रदर्शन साबित किया है

रात में भी ऑपरेशन को सरलता से दे सकता है अंजाम

इस हेलीकॉप्टर की विशेषता यह है कि ये रात में भी मिलिट्री ऑपरेशन को बहुत ही सरलता से अंजाम दे सकता है इसके लिए हेलीकॉप्टर को ग्लॉस कॉकपिट और उन्नत एवियोनिक्स से लैस किया गया है यह हर मौसम में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अपना जुड़वा शक्ति इंजनों की वजह से बहुत बढ़िया प्रदर्शन करने में सक्षम है यह समुद्र तल से लेकर हिमालय की ऊंचाई तक और अत्यधिक तापमान में रेगिस्तानी क्षेत्रों के साथ खारे वायुमंडलीय स्थितियों में भिन्न-भिन्न ऊंचाइयों पर संचालने के लिए बहुत बढ़िया हेलीकॉप्टर है

हथियारों का इस्तेमाल करने में सक्षम

इस हेलीकॉप्टर के उन्नत संस्करणों में हथियारों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है इसका उन्नत वर्जन एएलएच-रुद्र है,  जिसमें हेलमेट पॉइंटिंग सिस्टम (HPS), इलेक्ट्रो ऑप्टिक पॉड और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से जुड़े सेल्फ-प्रोटेक्शन सिस्टम जैसे मिशन सिस्टम फिट किए गए हैं रुद्र में 20 मिमी बुर्ज गन, 70 मिमी रॉकेट, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें फिट की गई हैं यह डिजिटल मूविंग मैप ऑन बोर्ड इनर्ट गैस जनरेशन सिस्टम से भी लैस है अत्याधुनिक तकनीकों में ध्रुव हिंज लेस इंटरचेंजेबल मेन रोटर ब्लेड्स, बियरिंग लेस टेल रोटर ब्लेड्स, एंटी रेज़ोनेंस वाइब्रेशन आइसोलेशन सिस्टम और जरूरी प्रणालियों के लिए निर्मित रिडंडेंसीज़ के साथ लैस है

ध्रुव पर इन राष्ट्रों का भी आया दिल

ध्रुव हेलीकॉप्टर की विशेषता को देखते हुए लैटिन अमेरिका से लेकर अफ्रीका, पश्चिम और दक्षिण पूर्व एशिया के करीब 35 राष्ट्रों इस पर फिदा हो गए हैं कई राष्ट्रों ने इसे खरीदने की ख़्वाहिश भी जाहिर की है वहीं कई राष्ट्रों ने इसका प्रदर्शन देखने के लिए भी आग्रह किया है

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