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भारत में कोरोना के 260 नए मामले आये सामने

राष्ट्र में एक बार फिर कोविड-19 के बढ़ते मुद्दे ने चिंता बढ़ा दी है सोमवार को हिंदुस्तान में कोविड-19 वायरस संक्रमण के 260 नए मुद्दे सामने आए और उपचाराधीन रोगियों की संख्या बढ़कर 1,828 हो गयी है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़कर 5,33,317 हो गयी है जबकि राष्ट्र में Covid-19 के कुल मामलों की संख्या 4.50 करोड़ है इस रोग से उबरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,44,69,931 हो गयी है और स्वस्थ होने की राष्ट्रीय रेट 98.81 फीसदी है संक्रमण से जान गंवाने की रेट 1.19 प्रतिशत है इधर हाल के दिनों में सामने आया कोविड-19 का नया वेरिएंट भी चिंता का विषय बना हुआ है एक्सपर्ट का बोलना है कि JN.1 स्ट्रेन पहले के वैरिएंट्स से कहीं अधिक घातक हो सकता है बता दें, हिंदुस्तान में केरल से JN.1 वैरिएंट का पहला मुद्दा सामने आया है वहीं कई जानकारों का मानना है कि हिंदुस्तान में एक बार फिर कोविड-19 अपने पैर पसार रहा है

JN.1 सब वेरिएंट क्या है?

JN.1 सब-वेरिएंट की पहचान सबसे पहले लक्ज़मबर्ग में हुई थी और तब से यह कई राष्ट्रों में फैल रहा है रिपोर्टों के अनुसार, यह पिरोला वेरिएंट (BA.2.86) का वंशज है, जो ओमिक्रॉन का एक उप वेरिएंट है पिरोला और नए वैरिएंट के बीच सिर्फ़ एक परिवर्तन है और वह स्पाइक प्रोटीन में है इसके स्पाइक प्रोटीन में कई अनोखे उत्परिवर्तन हैं, जो इसे और अधिक विषैला बनाते हैं यह अब अन्य ओमिक्रॉन उप-प्रकारों की तुलना में अधिक मजबूती से हमारी कोशिकाओं से जुड़ सकता है जानकारों का बोलना है कि अतिरिक्त उत्परिवर्तन वायरस को तेजी से फैलने और प्रतिरक्षा से बचने में सक्षम बनाता है जानकारों ने चेतावनी दी है कि यह अधिक प्रतिरक्षा प्रतिरोधी होता है नवंबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन वैज्ञानिकों द्वारा इसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में पहचाना गया JN.1 संस्करण संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और सिंगापुर में भी रिपोर्ट किया गया है

JN.1 नए COVID वैरिएंट के लक्षण

जेएन.1 संयुक्त राज्य अमेरिका में अनुमानित 15 फीसदी से 29 फीसदी मामलों का अगुवाई करता है यद्यपि संक्रामकता और संचरणशीलता में वृद्धि हुई है, जेएन.1 के लक्षण अपेक्षाकृत हल्के हैं और हॉस्पिटल में भर्ती होने की कोई समाचार नहीं है जहां रोगी घर पर ठीक हो रहे हैं, यह जानना जरूरी है कि वायरस तेजी से फैलता है और इसलिए इसे आगे फैलने से रोकने के लिए समय पर पता लगाना जरूरी है साथ ही, निकट भविष्य में वायरस कैसे फैलता है, इससे हमें इसके साफ लक्षणों का बेहतर अंदाजा हो जाएगा

ये हैं लक्षण

JN.1 वैरिएंट के कुछ सामान्य लक्षण जो अब तक सामने आए हैं उनमें बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द और दस्त और पेट में ऐंठन जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं शामिल हैं कुछ लोगों की सूंघने की शक्ति भी ख़त्म हो सकती है लोग अत्यधिक थकान की भी कम्पलेन कर रहे हैं निवारक तरीकों में शामिल हैं – बार-बार हाथ साफ करना, ट्रिपल मास्क का इस्तेमाल और सामाजिक दूरी बीमारी नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने जेएन.1 के संबंध में एक चेतावनी जारी की है, जिसमें बोला गया है कि इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने की क्षमता बढ़ सकती है, जिससे इसकी संक्रामकता के बारे में चिंताएं पैदा हो सकती हैं

डब्ल्यूएचओ ने डेटा साझा करने का किया आग्रह

मामलों में वृद्धि के उत्तर में, डब्ल्यूएचओ (डब्ल्यूएचओ) ने सदस्य राष्ट्रों से मजबूत नज़र बनाए रखने और अनुक्रम डेटा साझा करने का आग्रह किया है जबकि केरल में अधिकतर मुद्दे हल्के रहे हैं, स्वास्थ्य अधिकारी Covid-19 वेरिएंट से संबंधित उभरती स्थिति को कारगर ढंग से प्रबंधित करने के लिए लगातार सतर्कता और तैयारियों की जरूरत पर बल देते हैं

मोदी गवर्नमेंट हुई एक्टिव

केंद्र की मोदी गवर्नमेंट ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सांस संबंधी रोग के मामलों में वृद्धि और राष्ट्र में कोविड-19 वायरस के नए JN.1 वैरिएंट का पहला मुद्दा आने के बीच लगातार नज़र बनाए रखने को बोला है हिंदुस्तान का JN.1 वैरिएंट का पहला मुद्दा आठ दिसंबर को केरल में सामने आया इससे पहले, तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले के एक यात्री को सिंगापुर में JN.1 वैरिएंट से संक्रमित पाया गया था कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री कुछ राज्यों में हाल में इन्फ्लूएंजा जैसी रोग (आईएलआई) और Covid-19 सहित गंभीर सांस की रोग (एसएआरआई) के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधाओं और सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करने वाले हैं ऑक्सीजन, हॉस्पिटल के बिस्तर, वेंटिलेटर, दवाओं, डायग्नोस्टिक्स समेत अन्य व्यवस्था और नज़र के तरीकों पर भी बात हो सकती है

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