भगवान राम के आभूषणों को बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार हीरे-पन्ने का हुआ इस्तेमाल
राम लला के बहुत बढ़िया आभूषण: अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। देशभर में सोमवार की शाम को लोगों ने दीपावली के रूप में मनाया। रामलला के विराजमान होने के मौके पर उन्होंने अपने-अपने घरों में दीये और पटाखे फोड़े। पीएम मोदी के नेतृत्व में रामलला की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। भगवान राम के आभूषण पौराणिक कथाओं में वर्णित उनके स्वरूप के आधार पर डिजाइन किए गए हैं।
ये आभूषण महज 12 दिन में तैयार हो गए
भगवान राम के आभूषणों को बनाने में 15 किलो सोना और करीब 18 हजार हीरे-पन्ने का इस्तेमाल किया गया है। तिलक, मुकुट, 4 हार, करधनी, दो जोड़ी पायल, विजय माला, दो अंगूठियां समेत कुल 14 आभूषण तैयार किए गए हैं। ये आभूषण महज 12 दिन में तैयार किए गए।
आभूषण को लखनऊ के एक जौहरी ने डिजाइन किया है
करीब 15 दिन पहले श्री राम मंदिर ट्रस्ट ने लखनऊ के हरसहायमल श्यामलाल ज्वैलर्स को आभूषण तैयार करने का जिम्मा सौंपा था। आभूषण बनाते समय ईश्वर राम के बाल स्वरूप को पैसों में रखकर आभूषण बनाने की जिम्मेदारी दी गई।
भगवान राम के मुकुट में हैं ये खास चिन्ह!
चूंकि ईश्वर राम सूर्य के वंशज थे, इसलिए ईश्वर राम के मुकुट में उनके सूर्य का प्रतीक बनाया गया था। इसके अतिरिक्त ताज के केंद्र में शाही शक्ति का प्रतीक पन्ना भी रखा गया था। मुकुट में यूपी का राज्य प्रतीक मछली भी शामिल है। यहां राष्ट्रीय पक्षी मोर की एक आकृति भी है। भगवान राम का मुकुट 1 किलो 700 ग्राम का है। इसमें 75 कैरेट के हीरे, लगभग 175 कैरेट के जाम्बियन पन्ने, लगभग 262 कैरेट के माणिक जड़े हुए हैं, जो बहुत सही हैं। मुकुट का पिछला भाग 22 कैरेट सोने से बना है और इसका वजन लगभग 500 ग्राम है।
तिलक
भगवान का तिलक 16 ग्राम सोने से बना है। बीच में 3 कैरेट का हीरा और उसके चारों ओर 10 कैरेट का हीरा। इसके अतिरिक्त तिलक के बीच में लगा हुआ माणिक बर्मी माणिक है।
पन्ना और माणिक की अंगूठी
भगवान राम 65 ग्राम वजनी पन्ना की अंगूठी पहनते हैं। इसमें 4 कैरेट के हीरे और 33 कैरेट के पन्ने हैं। गहरे हरे रंग का ज़ाम्बियन पन्ना रिंग के केंद्र में रखा गया है। जो ईश्वर के वनवास, सद्भाव और ज्ञान का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त ईश्वर के दाहिने हाथ में 26 ग्राम सोने और माणिक की अंगूठी है जिसमें हीरे के साथ माणिक भी जड़ा हुआ है।
हराना
भगवान राम के गले में करीब 500 ग्राम का सोने का हार है। जिसमें लगभग 150 कैरेट माणिक और लगभग 380 कैरेट पन्ना का इस्तेमाल किया गया है। गर्दन के बीच में सूर्यवंश का प्रतीक और पन्ना, माणिक और हीरे से बना पुष्प डिजाइन है।
पंचलदा
भगवान राम की दूसरी माला है पंचलद। जो पांच धागों का होता है। पंचालदा का वजन 660 ग्राम है और यह लगभग 80 हीरे और 550 कैरेट के पन्ने से जड़ा हुआ है। पंचलद की पाँच लड़ियाँ पाँच तत्वों का अगुवाई करती हैं।
विजयमाला
विजयमाला ईश्वर राम के गले का सबसे बड़ा हार है। इसका वजन लगभग 2 किलोग्राम है और यह 22 कैरेट सोने से बना है। इस विजयमाला में हिंदू धर्म के प्रतीकों को दर्शाया गया है। माला के केंद्र में ईश्वर राम के प्रकृति प्रेम का अगुवाई करने वाले पांच पवित्र फूल, कमल, कुंद, पारिजात, चंपा और तुलसी उकेरे गए हैं। यह हार की लंबाई है जो ईश्वर राम के पैरों को छूती है। जो भक्ति और मानव कल्याण का प्रतीक है।
कमरबंद
भगवान राम की कमर पर सुशोभित करने के लिए 750 ग्राम सोने का 70 कैरेट का हीरा और लगभग 850 कैरेट का माणिक और पन्नाजड़ित कमरबंध बनाया गया है। प्राचीन काल से, करधनी शाही स्नातक का आभूषण रही है, जो शाही महिमा का प्रतीक है।
चूड़ियाँ और कंगन
रामलाल के नन्हें हाथों के लिए 400 ग्राम की 22 कैरेट सोने की चूड़ियां बनवाई गई हैं। साथ ही 850 ग्राम के दो कंगन भी पहने हुए हैं। यह ब्रेसलेट 100 हीरे और 320 माणिक से जड़ा हुआ है।
चरण पादुका
भगवान के चरणों के लिए 400 ग्राम सोना, 55 कैरेट हीरे और 50 कैरेट पन्ने से जड़ी पादुकाएं बनाई गई हैं।
चाँदी के खिलौने
खिलौने ईश्वर के लिए भी रखे जाते हैं क्योंकि वे यहां शक्ति स्वरूप हैं। जिसमें चांदी के हाथी, घोड़े, ऊँट और कबूतर बनाये गये हैं।
झुकना
भगवान के धनुषधारी बाल रूप को दर्शाया गया है। इसलिए ईश्वर के लिए 24 कैरेट 1 किलो सोने से बना धनुष रखा जाता है। इसके अतिरिक्त ईश्वर की पोशाक में बनारसी पीली धोती और लाल रंग का अंगवस्त्रम शामिल है। जिसमें सही सोने की जरी और तार का इस्तेमाल किया गया है। इन वस्त्रों पर वैष्णव शुभ चिह्न-शंख, पद्म, चक्र और मोर अंकित होते हैं। जिसे दिल्ली के कपड़ा निर्माता मनीष त्रिपाठी ने अयोध्या में बनाया है।