नए संसद भवन के उद्घाटन पर विवाद को लेकर अशोक गहलोत ने दिया ये सुझाव

अशोक गहलोत ने प्रश्न उठाते हुए पूछा कि ऐसी भी क्या इमरजेंसी थी? उद्घाटन से कम से कम महीने पहले घोषणा की जानी चाहिए थी. फिर सभी सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और गणमान्य आदमी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे होते.
राजस्थान के सीएम और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने पीएम मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक-दूसरे से बात करने और संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करने पर फैसला लेने का सुझाव दिया. उन्होंने बोला कि केंद्र द्वारा की गई ‘गलतियों’ को सुधारने के लिए अभी भी बहुत देर नहीं हुई है. लगभग 100 वर्ष बाद नयी संसद की इमारतें की ओर इशारा करते हुए सीएम ने बोला कि उद्घाटन की ‘अचानक’ घोषणा गरिमा के साथ नहीं की गई थी.
अशोक गहलोत ने प्रश्न उठाते हुए पूछा कि ऐसी भी क्या इमरजेंसी थी? उद्घाटन से कम से कम महीने पहले घोषणा की जानी चाहिए थी. फिर सभी सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और गणमान्य आदमी इस कार्यक्रम में भाग ले रहे होते. उन्होंने उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विपक्षी दलों द्वारा सामूहिक बहिष्कार का समर्थन किया. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. घोषणा के बाद से ही टकराव छिड़ गया है. विपक्षी दलों ने एक प्रधान मंत्री की नयी इमारत का उद्घाटन करने की व्यावहारिकता पर प्रश्न उठाया है. उन्होंने विरोध किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सम्मान करना चाहिए क्योंकि वह संसद का अभिन्न अंग हैं.
सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी दलों के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया, कांग्रेस पार्टी नेता शशि थरूर ने कथित वरीयता के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के तर्क को खारिज कर दिया. पुरी ने बोला कि यदि आपकी गवर्नमेंट के मुखिया संसद की एनेक्सी और पुस्तकालय का उद्घाटन कर सकते हैं तो इस बार के गवर्नमेंट के मुखिया ऐसा क्यों नहीं कर सकते? यह उतना ही आसान है. थरूर ने बोला कि वे सहायक भवन थे, जबकि प्रधान मंत्री मोदी हिंदुस्तान के राष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई और सत्रावसानित “पूरी नयी संसद” का उद्घाटन करेंगे.