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समुद्री सहयोग को मजबूत करने पर जोर, जानें खास बात

India Japan Warfare Exercise: भारत और जापान रणनीतिक तौर पर एक दूसरे के बड़े सहयोगी है. दोनो राष्ट्रों के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामरिक संबंध दशकों से रहे हैं. हिंदुस्तान और जापान ‘क्वाड’ के भी सदस्य हैं. हिंदुस्तान और जापान दोनों का शत्रु चीन है. अब ऐसे हिंदुस्तान और जापान के बीच सामरिक योगदान लगातार बढ़ रहा है. हाल ही में हिंदुस्तान और जापान ने सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने, योगदान बढ़ाने के लिए राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सेना अभ्यास किया था. अब इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना युद्धाभ्यास के लिए जापान पहुंची है.

जापान पहुंचा P81 विमान

भारतीय नौसेना की तरफ से बोला गया है कि उसका P81 विमान एंटी सबमरीन वारफेयर एक्सरसाइज और जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के साथ अभ्यास के लिए जापान के अत्सुगी में पहुंच गया है. चालक दल जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के साथ समुद्री टोही और एएसडब्ल्यू संचालन की योजना बनाएगा और उसे क्रियान्वित करेगा. रक्षा मंत्रालय ने बोला कि इससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर में, आईएनएस कदमत, उत्तरी प्रशांत महासागर में लंबी दूरी की परिचालन तैनाती पर, ऑपरेशनल टर्नअराउंड (ओटीआर) के लिए जापान के योकोसुका पहुंचा था.

आईएनएस कदमत्त की जापान यात्रा का उद्देश्य हिंदुस्तान और जापान के बीच समुद्री योगदान को और मजबूत करना था.इस बीच जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के साथ वार्ता में क्रॉस-शिप विजिट, विचारों आदान-प्रदान, संयुक्त योग शिविर और मैरीटाइम पार्टनरशिप एक्सरसाइज (एमपीएक्स) के लिए सहमति बनी थी.

भारत-जापान के बीच गहरी समझ 

भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी का गहरी समझ है. दोनों राष्ट्रों के बीच दोस्ती का एक लंबा इतिहास है जो आध्यात्मिक समानता, मजबूत सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों पर आधारित है. विदेश मंत्रालय ने बोला कि भारत-जापान की रक्षा और सुरक्षा साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक अभिन्न स्तंभ है. रणनीतिक मामलों को लेकर हाल के सालों में भारत-जापान के बीच संबंधों को मजबूती मिली है.

 

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