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‘संदेशखाली’ : दिल्ली का बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज, छात्राएं बोली…

नई दिल्ली: नई दिल्ली में बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज के बाहर कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले सलीम शेख के विरुद्ध विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. विरोध प्रदर्शन स्त्री इन्साफ समिति द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें बोला गया था कि आरोपी प्रोफेसर द्वारा कॉलेज की कई छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया गया है.

मुख्य रूप से मेडिकल छात्राओं द्वारा लगाए गए आरोपों ने सांस्कृतिक समूहों में आक्रोश और आलोचना फैला दी है. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि प्रोफेसर सलीम शेख ने कॉलेज में छात्राओं का शारीरिक उत्पीड़न किया और उन्हें डराया-धमकाया. प्रदर्शनकारियों में शामिल धर्मेंद्र सूरी ने बोला कि “एक एक्टिव प्रोफेसर सलीम शेख ने बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज में छात्राओं के विरुद्ध शारीरिक उत्पीड़न और धमकी का जघन्य कृत्य किया. इस घृणित कृत्य के विरुद्ध समाज के सभी वर्गों में व्यापक गुस्सा और आक्रोश है.

विरोध प्रदर्शन, जिसका उद्देश्य प्रभावित विद्यार्थियों के लिए इन्साफ की मांग करना और सामाजिक जागरूकता बढ़ाना था, ने कॉलेज के गेट नंबर 2 के बाहर एक बड़ी सार्वजनिक सभा का रूप ले लिया. संस्थान के बाहर का दृश्य तनावपूर्ण था, अनुशासन बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी. प्रदर्शनकारियों ने आरोपी प्रोफेसर सलीम शेख की निंदा करते हुए तख्तियां ले रखी थीं और उन्हें तुरन्त उनके पद से हटाने की मांग कर रहे थे. इन्साफ की सामाजिक मांग को प्रतिबिंबित करते हुए नारे हवा में गूंज उठे.

बताया जाता है कि विरोध प्रदर्शन तब प्रारम्भ हुआ जब कॉलेज की दो लड़कियों ने कम्पलेन करते हुए बोला कि 31 जनवरी को एमबीबीएस वाइवा के दौरान सलीम शेख ने उनका यौन उत्पीड़न किया. बाद में पीड़ितों ने 22 फरवरी को पुलिस में कम्पलेन दर्ज कराई. हालांकि प्रदर्शन कर रहे संगठनों का बोलना था कि पुलिस ने मुद्दे में कोई कार्रवाई नहीं की. मुद्दे में कोई कार्रवाई न होने के बाद हिन्दू संगठन आगे आए और शहर में पोस्टर लगाकर बोला कि ‘वे कॉलेज को संदेशखाली नहीं बनने देंगे.‘ राष्ट्रीय स्त्री आयोग (NCW) ने भी घटना का संज्ञान लिया है और मुद्दे में तुरन्त कार्रवाई की मांग की है.

एक स्त्री प्रदर्शनकारी ने इस घटना पर ऑफिसरों की कथित उपेक्षा का हवाला देते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने बोला कि, ‘हम इसे संदेशखाली या पश्चिम बंगाल नहीं बनने देंगे. कॉलेज में महिलाएं परेशान हैं. पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने मुद्दा दर्ज किया लेकिन उसे (सलीम शेख को) जमानत पर रिहा कर दिया. सब व्यर्थ गया, हम कड़ी कार्रवाई चाहते हैं.

संदेशखाली में क्या हुआ था ?

बता दें कि, राशन घोटाले में फरार तृण मूल काँग्रेस नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर क्षेत्रीय लोगों, विशेषकर स्त्रियों ने हाथों में चप्पलें लेकर संदेशखाली के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया था. शाहजहां शेख, तलाशी लेने पहुंची प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हमले के बाद से फरार हो गया था. बंगाल पुलिस भी उसका कोई पता नहीं लगा पाई थी. हालाँकि, कोलकाता उच्च न्यायालय की फटकार के बाद बंगाल पुलिस ने लगभग 50  दिन अरैस्ट करने के बाद उसे अरैस्ट किया था. उच्च न्यायालय ने शाहजहां शेख की हिरासत सीबीआई को देने के लिए बोला था, लेकिन बंगाल गवर्नमेंट इसके विरुद्ध उच्चतम न्यायालय चली गई. इल्जाम लगाए की ममता सरकार, शाहजहां शेख को बचाने के लिए उसे बंगाल पुलिस के आधीन ही रखना चाहती है, हालाँकि उच्चतम न्यायालय से ममता गवर्नमेंट की याचिका ख़ारिज हो गई और अब आरोपी शाहजहां सीबीआई की गिरफ्त में है.

प्रदर्शन कर रहीं सैकड़ों स्त्रियों ने कहा था कि शाहजहां शेख और उसके गुंडे उनका यौन उत्पीड़न करते हैं, घरों से स्त्रियों को उठा ले जाते हैं और मन भरने पर छोड़ जाते हैं. स्त्रियों का बोलना था कि, यहाँ बलात्कार और गैंगरेप आम बात है. तृण मूल काँग्रेस के गुंडे अपनी स्त्री कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ते, उन्हें अकेले मीटिंग में बुलाते हैं, धमकी देते हैं कि नहीं आई तो तुम्हारे पति को मार डालेंगे. प्रदर्शन कर रहीं स्त्रियों ने कहा था कि, उन्हें (TMC के गुंडों को) जो भी स्त्री पसंद आ गई, उसे वो घर से उठा ले जाते हैं और रात भर भोगकर, सुबह घर भेज देते हैं. पश्चिम बंगाल की पुलिस तृण मूल काँग्रेस के गुंडों की ढाल बन जाती और पीड़ितों को ही दबाती है. एक स्त्री ने तो मीडिया से बात करते हुए यहाँ तक दावा किया था कि, तृण मूल काँग्रेस के गुंडे घरों के सामने आकर कहते हैं कि ‘बाहर निकल आज तेरे साथ सामूहिक दुष्कर्म करेंगे.‘ ये कहते हुए गुंडे उसे पति और पुलिस के सामने खींच कर ले गए, लेकिन कोई नहीं बचा सका.

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