लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होते ही एनडीए गठबंधन ने 400 पार का दिया नारा
Lok Sabha Election 2024 : बीहड़ पट्टी में बसा जालौन बुंदेलखण्ड क्षेत्र में आता है। यहां कभी डकैतों की तूती बोलती थी। लोकसभा 2024 को लेकर विभिन्न सियासी दलों के प्रत्याशियों ने एड़ी चोटी का पसीना बहाना प्रारम्भ कर दिया है। यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। मौजूदा समय में बीजेपी से लगातार दो बार भानु प्रताप वर्मा सांसद है। इण्डिया गठबंधन में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में आई है ।नारायण दास अहिरवार को समाजवादी पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि बीएसपी ने सुरेश चंद्र गौतम पर दांव लगाया है।
आपको बता दें कि राष्ट्र में लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा होते ही एनडीए गठबंधन ने 400 पार का नारा दिया है। ऐसे में भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही है तो वहीं इन्डिया गठबंधन जीत को लेकर गुणा भाग में लग गई है। इसलिए जालौन लोकसभा सीट चुनाव लड़ने वाले दलों के लिए काफी अहम हो गई है। बुंदेलखंड की चुनिंदा लोकसभा सीटों में से जालौन में आजादी के बाद सबसे पहले चुनाव 1952 में हुआ था। जिसमे कांग्रेस पार्टी के लोटन राम लोकसभा के पहले सांसद बने थे। इसके बाद 1957 में हुए लोकसभा चुनाव में इसी परिवार के लच्छीराम ने जीत दर्ज कर कांग्रेस पार्टी का दबदबा बनाया।
वहीं 1962 में भी कांग्रेस पार्टी के रामसेवक ने बाजी मारी। इसके बाद हैट्रिक लगाते हुए चौधरी राम सेवक 1967 और 1971 में भी सांसद चुने गए। आपातकालीन के आक्रोश की आग के बाद इस सीट पर कांग्रेस पार्टी का दबदबा टूटा और पहली बार 1977 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी को यहां हार मिली और लोकदल ने जीत हासिल की। इसके बाद 1980 और 1984 के चुनावों में यहां पर कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर वापसी की जिसमे एक बार नाथूराम और एक बार चौधरी लच्छीराम सांसद बने। इसके बाद 1989 में यहां जनता दल ने खाता खोला और जीत दर्ज की। आज 34 वर्ष बीत गए और इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी पार्टी जीत के लिए तरस गई है.16 बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें में 7 बार कांग्रेस पार्टी को जीत मिली है।
आजादी के बाद से 1985 तक कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा तो वहीं 1977 में जरूर जनता पार्टी के उम्मीदवार को कामयाबी मिली थी। तब से लेकर अभी तक 1999 में बीएसपी और 2009 में समाजवादी पार्टी को छोड़ दें तो बीजेपी काबिज रही है.1952 से लेकर 1957 तक दो-दो सांसद चुने गए। 1952 में संसदीय क्षेत्र जालौन-इटावा और 1957 में जालौन-हमीरपुर संसदीय रहने के दौरान जिले को दो-दो सांसद मिले। लोकसभा क्षेत्र में जालौन जिले की उरई, कालपी, माधौगढ़, झांसी की गरौठा और कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट शामिल है। अभी इस पर अभी बीजेपी काबिज है। यमुना, बेतवा, सिंधु, क्वारी, पहुज, चंबल, सिंध आदि नदियों वाले जालौन संसदीय क्षेत्र में सूखा प्रमुख मामला है।
बीते बीस वर्षों में यहां विकास को लेकर फोरलेन बने और रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ है।यहां के प्रमुख सिंचाई, पचनद बांध और रोजगार के साधनों की कमी है। विकास और क्षेत्रीय मामले हमेशा से जालौन मे रहे है। वर्तमान में यहां से सांसद बीजेपी के भानु प्रताप सिंह वर्मा हैं। वर्ष 2022 में यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 5 में से 4 सीटों पर जीत मिली थी। कालपी सीट पर समाजवादी पार्टी के विनोद चतुर्वेदी को जीत मिली थी जबकि शेष चारों सीटें भाजपा के खाते में आई थी। अब देखना यह होगा की यहां के मतदाता , मतदान में बीजेपी प्रत्याशी को हैट्रिक लगाने देंगे अथवा दूसरे दल के प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बांधेंगे | जालौन के कुल मतदाताओं की संख्या 19,95,526 है।
जालौन लोकसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ा
सवर्ण-वोटर्स
- ब्राह्मण – 100000
- क्षत्रिय- 125000
- वैश्य- 100000
- कायस्थ- 20000
कुल पिछड़े वोटर्स-470000
- यादव- 125000
- कुर्मी- 125000
- लोधी- 50000
- मौर्य- 2000
- निषाद- 50000
- कुशवाहा- 120000
- पाल- 125000
- प्रजापति- 50000
- विश्वकर्मा- 70000
- सोनी- 50000
- राठौर- 70000
- नाई- 60000
- कहार- 10000
- माली- 10000
कुल दलित वोटर्स-917000
- जाटव- 175000
- बसोर – 80000
- वाल्मीकि- 110000
- कोरी- 150000
- धोबी- 60000
मुस्लिम-वोटर्स 125000
कुल वोटर्स- 575000