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म्यांमार: बंदरगाह शहर में हालात बिगड़े, बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हिंदुस्तान ने लिया यह निर्णय

भारत ने म्यांमार के रखाइन प्रांत के बंदरगाह वाले शहर सितवे स्थित वाणिज्य दूतावास से अपने कर्मचारियों को यंगून भेज दिया है. पड़ोसी राष्ट्र में सुरक्षा की अनिश्चितता और बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हिंदुस्तान ने यह निर्णय किया है.

रखाइन प्रांत और अन्य हिस्सों में सुरक्षा बलों और उपद्रवियों के बीच भयंकर संघर्ष चल रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने अपने दूतावासकर्मियों को सितवे से यंगून स्थानांतरित कर दिया है. मांडले में भारतीय वाणिज्य दूतावास चालू है. हम दूतावास हालात पर करीबी नजर रखे हैं. एजेंसी

यूपी के अगवा 3 युवकों को छुड़ाने का प्रयास

 

म्यांमार में अगवा किए गए यूपी के तीन युवकों से जुड़े प्रश्न पर जायसवाल ने बोला कि वे इस पर काम कर रहे हैं. आशा है, वे उन्हें मुक्त कराने और वापस लाने में सक्षम होंगे. वे घर वापस आएंगे. उन्होंने कहा, अतीत में भी, जब कभी भारतीय नागरिकों को म्यांमार में किसी तरह से परेशानी हुई है, हमने एक्टिव रूप से उनकी सहायता की है.

 

 

 

 

म्यांमार में हिंदुस्तानियों की सुरक्षा का रखा जा रहा है ख्याल

 

जायसवाल ने कहा, दूतावास ने हाल में सुरक्षा प्रोटोकाल पर एडवाइजरी दी थी और वहां रहने वाले हिंदुस्तानियों से सावधान रहने को बोला था. म्यांमार की यात्रा करने वाले हिंदुस्तानियों को भी सुरक्षा प्रोटोकाल का पालन करने की राय दी गई थी. दूतावास की तरफ से हिंदुस्तानियों की सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा है.

सेना और सेना विरोधियों में जंग और भी तेज हुई

 

ताजा घटनाक्रम में, म्यांमार में सेना शासक के विरुद्ध विरोधी गुटों का प्रतिरोध तेज हो गया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सेना शासक के विरोधी गुटों के लगातार हमले के चलते बृहस्पतिवार को थाईलैंड को जोड़ने वाले मैत्री पुल से 200 से अधिक सैनिक वापस चले गए. सेना ने फरवरी 2021 में तख्तापलट करते गवर्नमेंट को उखाड़ फेंका था. उसके बाद तख्तापलट के विरोध में होने वाले प्रदर्शन को दबाने के लिए बल प्रयोग करना प्रारम्भ किया.

 

 

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