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मोदी ने चीन के दुश्मन को थमा दिया ब्रह्मास्त्र

भारत में पहले चरण का चुनाव चल रहा है और सारी पार्टियां अगले फेज के लिए प्रचार में लगी है. इस बीच हिंदुस्तान ने कुछ ऐसा कर दिया है जिसे सुनकर चीन के होश उड़ जाएंगे. वैसे तो चीन अक्सर कोई मौका नहीं छोड़ता हिंदुस्तान के क्षेत्रों को अपना बताने में या भारतीय क्षेत्रों के नाम बदलने की हरकते भी अक्सर देखने को मिल जाती है. लेकिन अब हिंदुस्तान भी चीन को उसी की भाषा में उत्तर देने लगा है. चीन को काउंटर करने के लिए हिंदुस्तान भी उसके शत्रु की सहायता कर रहा है. हिंदुस्तान ऐसे समय में सबसे खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइल की डिलीवरी फिलीपींस को करने जा रहा जब चीन के साथ उसका टकराव चरम पर है.

भारत ने दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र के साथ हथियार प्रणालियों की आपूर्ति के लिए 375 मिलियन अमरीकी डालर का सौदा करने के दो वर्ष बाद शुक्रवार को फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का पहला बैच दिया. भारतीय वायु सेना के एक सेना परिवहन विमान ने मिसाइल और लांचरों को राष्ट्र की समुद्री सेनाओं तक पहुंचाने के लिए फिलीपींस पहुंचाया. जनवरी 2022 में, हिंदुस्तान ने मिसाइल की तीन बैटरियों की आपूर्ति के लिए फिलीपींस के साथ एक सौदा किया. यह हिंदुस्तान द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल का पहला निर्यात है. अर्जेंटीना सहित कुछ अन्य राष्ट्रों ने भी हिंदुस्तान से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में रुचि दिखाई है.

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, एक भारत-रूसी संयुक्त उद्यम, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन करता है जिन्हें पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या भूमि प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक यानी ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक गति से उड़ती है. दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सेना आक्रामकता पर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंताओं की पृष्ठभूमि में हिंदुस्तान फिलीपींस के साथ रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने पर विचार कर रहा है. हाइड्रोकार्बन के विशाल स्रोत, पूरे दक्षिण चीन सागर पर संप्रभुता के चीन के व्यापक दावों पर अंतरराष्ट्रीय चिंताएँ बढ़ रही हैं.

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