राष्ट्रीय

मोदी गवर्नमेंट के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है विपक्ष

मणिपुर मामले पर लगातार प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को टारगेट कर रहा विपक्ष आज एक बड़ा पॉलिटिकल दांव खेलने जा रहा है. कांग्रेस पार्टी की प्रतिनिधित्व में विपक्ष आज लोकसभा में मोदी गवर्नमेंट के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है. लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बोला है कि राष्ट्र को मोदी गवर्नमेंट में विश्वास नहीं है इसलिये वो अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने आज अपने सांसदों को व्हिप जारी करके सदन में मौजूद रहने को बोला है. अविश्नवास प्रस्ताव के लिए 50 सांसदों की आवश्यकता होगी, इसलिये कांग्रेस पार्टी ने व्हिप जारी करके ये सुनिश्चित करने की प्रयास की है कि कहीं सांसदों की कमी ना पड़ जाए. यदि स्पीकर प्रस्ताव को अनुमति देते हैं तो इस पर चर्चा प्रारम्भ हो सकती है. पीएम को भी अविश्नवास प्रस्ताव पर उत्तर देना पड़ेगा. विपक्ष इसी बहाने मणिपुर अत्याचार का मुद्दा उठाना चाहता है. हालांकि गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर फिर दोहराया है कि गवर्नमेंट मणिपुर अत्याचार पर चर्चा के लिए तैयार है.

अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए विपक्ष प्रेशर गेम

यानी आज फिर से सदन में बवाल होना तय है. विपक्ष को अविश्नास प्रस्ताव के लिए स्पीकर से मंज़ूरी लेनी होगी. बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में विपक्ष 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया था. इस बार प्रस्ताव के पीछे विपक्ष का मकसद अलग है. विपक्ष चाहता है कि अविश्नास प्रस्ताव के बहाने पीएम सदन में बोलें. अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए विपक्ष प्रेशर गेम खेल रहा है. लेकिन गवर्नमेंट के लिए अविश्वास प्रस्ताव कोई टेंशन वाली बात नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर पर पहले चर्चा की मांग रखी. गवर्नमेंट भी इस पर चर्चा के लिए तैयार हो गई तो विपक्ष ने पीएम के बयान की मांग जोड़ दी और अब अविश्नास प्रस्ताव का रास्ता पकड़ा है.

विपक्ष प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को टारगेट करने के लिए किस कदर अड़ा है वो इस बात से समझिये कि लोकसभा स्पीकर, राज्यसभा के सभापति, बार-बार विपक्षी दलों के साथ बात कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष तैयार नहीं है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्षी दलों के नेताओं से टेलीफोन पर बात की लेकिन वो नहीं माने. गृहमंत्री अमित शाह ने पहले सदन में कहा, फिर दोनों सदन में विपक्ष के नेताओं को चिट्ठी लिखकर बोला कि गवर्नमेंट चर्चा के लिए तैयार है.

 

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