राष्ट्रीय

मराठा आरक्षण की मांग राज्य के राजनीतिक परिदृश्य पर रही हावी

मुंबई महाराष्ट्र (Maharashtra) में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दौरान मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग, बड़ी अवसंरचना परियोजनाएं और किसानों की समस्याएं प्रमुख मुद्दों के तौर पर सियासी विमर्श के केंद्र में रह सकती हैं यूपी के बाद महाराष्ट्र संसद के निचले सदन में सर्वाधिक सदस्य चुनकर भेजता है

राज्य में पांच चरणों में- 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई और 20 मई को मतदान होगा मराठा समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण प्रदान करने वाले राज्य के 2018 अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किये जाने के बाद से मराठा आरक्षण की मांग राज्य के सियासी परिदृश्य पर हावी रही है विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि केंद्र गवर्नमेंट एक संविधान संशोधन लाकर आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा को खत्म कर दे

मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मांग की है कि पूरे मराठा समुदाय को कुनबी के रूप में चिह्नित कर ओबीसी श्रेणी में आरक्षण दिया जाना चाहिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी के वरिष्ठ नेता और ओबीसी के बड़े चेहरे छगन भुजबल ने इस मांग का विरोध करते हुए बोला है कि मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में हिस्सेदारी नहीं मिलनी चाहिए एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना-राकांपा और बीजेपी की गवर्नमेंट आरक्षण की मांग पर सहानुभूति पूर्ण रुख अख्तियार करते रहे हैं, लेकिन भुजबल इसके बिल्कुल विरुद्ध हैं

महाराष्ट्र की जनसंख्या में 34 फीसदी हिस्सेदारी ओबीसी की है, वहीं मराठा 28 फीसदी हैं सियासी विश्लेषकों के मुताबिक राज्य में परंपरागत रूप से ओबीसी बीजेपी और शिवसेना का समर्थन करते रहे हैं, वहीं मराठाओं ने कांग्रेस पार्टी और राकांपा का समर्थन किया है लेकिन 2014 के बाद से मराठा समुदाय का बड़ा वर्ग बीजेपी की ओर चला गया

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन अपने कार्यकाल में पूर्ण या आंशिक रूप से पूरी की गई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उल्लेख अवश्य करेगा, जिनमें 701 किलोमीटर लंबा मुंबई-नागपुर समृद्धि एक्सप्रेसवे, 21.8 किलोमीटर लंबा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल), मुंबई तटीय सड़क और मेट्रो रेल परियोजनाएं शामिल हैं

सरकार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में अवरोधों को दूर करने तथा मुंबई से शिर्डी, सोलापुर और जालना के लिए वंदे हिंदुस्तान ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का श्रेय भी लेगी ‘नमो शेतकरी महा सम्मान’ योजना के अनुसार किसानों को अतिरिक्त धन का भुगतान भी सत्तारूढ़ गठजोड़ के प्रचार अभियान के मुद्दों में शामिल होगा विपक्ष ने गवर्नमेंट पर किसानों की आत्महत्या रोकने और पर्याप्त एमएसपी देने के लिए कुछ नहीं करने का इल्जाम लगाया है

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