राष्ट्रीय

भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पत्र जारी कर निष्कासन की समाप्ति की घोषणा की…

लखनऊ. गुजरते समय के साथ पूर्वी यूपी में भी अब चुनावी गरमी धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. भाजपा को पूर्वांचल से काफी आशा है. इस लिये वह वह लगातार अपनी ताकत में बढ़ोत्तरी कर रही है. इसी कड़ी में भाजपा के नाराज नेताओं को मनाया जा रहा है तो पार्टी छोड़ चुके कद्दावर नेताओं को भी पुनः साथ लाया जा रहा है. इसी कड़ी में भाजपा ने कभी पूर्वांचल के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाने वाले विधान परिषद सदस्य यशवंत की पुनः बीजेपी में वापसी हो गई है. 29 अप्रैल को बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पत्र जारी कर उनके निष्कासन की समापन की घोषणा की है.

पूर्वांचल की सबसे चर्चित सीटों में से एक घोसी लोकसभा चुनाव के एक माह पहले यशवंत का निष्कासन खत्म करना एक बड़ी सियासी कूटनीति का चर्चा है. यशवंत सिंह इससे पहले विधानसभा तथा विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं.

बताते चले प्रदेश में बीजेपी की गवर्नमेंट बनने के बाद यशवंत सिंह ने योगी आदित्य नाथ के लिए अपनी सीट खाली कर दी थी. यशवंत सिंह को विगत एमएलसी के दौरान अनुशासनहिनता को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. जहां 29 अप्रैल को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इनका निष्कासन समाप्त कर दिया. इस बात की पुष्टि बीजेपी जिलाध्यक्ष नूपुर अग्रवाल ने की. कहा की प्रदेश नेतृत्व से निर्देश प्राप्त हुआ जिसमे कहा गया की अब यशवंत सिंह पुनः बीजेपी में सम्मिलित हो गए हैं.

पूर्व एमएलसी यशवंत सिंह का चुनाव से पहले निष्कासन रद्द करना भाजपा की बड़ी रणनीति का हिस्सा है, अन्यथा पार्टी ने एमएलसी चुनाव में अनुशासनहीनता में यशवंत सिंह को छह वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया था. इसके पीछे कयास है कि इस कदम से पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में वापसी कर सर्वणों की नाराजगी काफी हद तक दूर करने में सफल होगी. वहीं राजनीति गलियारों में चर्चा थी कि पार्टी से बाहर चल यशवंत सिंह किसी दूसरे सियासी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सकते थे, लेकिन पार्टी में वापसी ने इस सभी कयासों पर लगाम लगा दिया है. जिसका लोकसभा में पार्टी को असर दिखेगा.

 

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