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भीड़ ने सुरक्षा बलों की 2 बसों में आग लगाई, मणिपुर में नहीं थम रहा अत्याचार का दौर

इंफाल: मणिपुर को लेकर एक तरफ जहां संसद में बवाल चल रहा है वहीं जमीन पर भी हालात कुछ अच्छे नहीं हैं. ऑफिसरों ने बुधवार को कहा कि मणिपुर के कांगपोकपी जिले में भीड़ ने सुरक्षा बलों की 2 बसों में आग लगा दी. उन्होंने कहा कि इस दौरान किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. यह घटना सपोरमीना में उस समय हुई, जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं. ऑफिसरों ने कहा कि अत्याचार में शामिल एक समुदाय के लोगों ने मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बसों को सपोरमीना में रोक लिया.

मणिपुर में जारी अत्याचार में अब तक 160 लोगों की मौत

अधिकारियों ने बोला कि लोगों के इस ग्रुप ने बसों को रोकने के बाद बोला कि वे इस बात की जांच करेंगे कि इनमें कहीं दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं है. ऑफिसरों ने कहा कि उनमें से कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान अत्याचार भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं.

महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद बवाल बढ़ा
बता दें कि राज्य में मेइती समुदाय की जनसंख्या करीब 53 फीसदी है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की जनसंख्या 40 फीसदी है और वे अधिकांश पर्वतीय जिलों में रहते हैं. मणिपुर में 2 स्त्रियों की निर्वस्त्र परेड का वीडियो बीते बुधवार, 19 जुलाई को सामने आया था जिसके बाद राष्ट्र भर में आक्रोश फैल गया और विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए. ऑफिसरों ने कहा कि यह वीडियो 4 मई का है. इस मुद्दे में कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुईं लेकिन इस मामले पर सड़क से संसद तक बवाल बदस्तूर जारी है.

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