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भारत में शिक्षित युवा अशिक्षित युवाओं की तुलना में हैं अधिक बेरोजगार, जिससे भारत बेरोजगारी 2024 का..

नई दिल्ली: यह जानकर आश्चर्य हो सकती है कि हिंदुस्तान में शिक्षित युवा अशिक्षित युवाओं की तुलना में अधिक बेरोजगार हैं. यह दावा संयुक्त देश की एक एजेंसी ने किया है संयुक्त देश की एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने बोला है कि हिंदुस्तान में शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी का स्तर अशिक्षित युवाओं की तुलना में अधिक है. साथ ही, हिंदुस्तान में युवा बेरोजगारी रेट भी अंतरराष्ट्रीय स्तर से अधिक है. ILO ने यह रिपोर्ट अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित की है जिसे हिंदुस्तान बेरोजगारी रिपोर्ट 2024 नाम दिया गया है.

1919 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय संगठन ILO की इस रिपोर्ट में बोला गया है कि हिंदुस्तान में 83 प्रतिशत बेरोजगार युवा हैं रिपोर्ट में भारतीय युवाओं में कौशल की कमी को लेकर चिंता जताई गई है. जिसके अनुसार हिंदुस्तान के 75 प्रतिशत युवाओं के पास अटैचमेंट के साथ ईमेल भेजने का हुनर ​​भी नहीं है ILO की रिपोर्ट में मजदूरी का भी जिक्र है हिंदुस्तान में लोगों की मज़दूरी सामान्य बनी हुई है या घटी भी है. मजदूरों और स्व-रोज़गार वाले व्यक्तियों के वेतन में 2019 से नकारात्मक रुझान देखा गया है, और अकुशल मजदूरों को 2022 में न्यूनतम वेतन भी नहीं मिला है.

ILO की रिपोर्ट ने भारतीय शिक्षा प्रबंध पर भी प्रश्न उठाए हैं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदुस्तान के युवाओं के पास बुनियादी तकनीक या डिजिटल शिक्षा का अभाव है, जिससे उनके लिए रोजगार ढूंढना कठिन हो रहा है. 90 फीसदी भारतीय युवा गणित के फॉर्मूले को स्प्रेडशीट में लागू करने में असमर्थ हैं. 60 प्रतिशत युवा फाइल कॉपी और पेस्ट भी नहीं कर सकते 75 प्रतिशत युवाओं को यह भी नहीं पता कि ईमेल में फाइल क्यों अटैच होती है युवा महिलाओं, विशेषकर उच्च शिक्षा प्राप्त स्त्रियों को युवा मर्दों की तुलना में रोजगार ढूंढना अधिक मुश्किल लग रहा है. इस रिपोर्ट को ILO के अतिरिक्त इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट ने भी तैयार किया है जिसमें युवाओं की बेरोजगारी, कौशल या अन्य कौशल पर भी ध्यान दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, सभी बेरोजगारों में शिक्षित युवाओं की संख्या 54.2 प्रतिशत से बढ़कर 65.7 प्रतिशत हो गई है रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारों में 80 प्रतिशत युवा हैं जो काम की तलाश में हैं कुल बेरोजगार हिंदुस्तानियों में से 65.7 फीसदी ऐसे हैं जिन्होंने माध्यमिक शिक्षा या उच्च शिक्षा प्राप्त की है. साल 2000 में ऐसे बेरोजगारों की संख्या 35.2 फीसदी थी, जो अब 65 फीसदी से अधिक हो गयी है. अधिकतर युवा बेरोजगार हैं जिनके पास स्नातक तक की डिग्री है. यानी हिंदुस्तान में पढ़े-लिखे युवा अधिक बेरोजगार हैं इसमें महिलाएं भी अधिक हैं साल 2022 में रोजगार, शिक्षा या प्रशिक्षण में शामिल नहीं होने वाली स्त्रियों का फीसदी 48 फीसदी था जबकि मर्दों का फीसदी 9.8 फीसदी था. हालांकि, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया है कि भारतीय एजेंसियों के आंकड़े संयुक्त देश संगठन के आंकड़ों से अलग हैं

रिपोर्ट के अनुसार, जबकि अनुबंध रोजगार में वृद्धि हुई है, जबकि पूर्णकालिक रोजगार में गिरावट आई है, पूर्णकालिक मजदूरों के लिए वेतन 2012 और 2012 के बीच स्थिर रहा है या गिरावट आई है. रिपोर्ट में राय दी गई है कि बेरोजगारी से निपटने के लिए रोजगार सृजन बढ़ाना होगा, युवाओं में कौशल बढ़ाना होगा साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को भी समर्थन देना होगा. जिन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक हैं, वहां निवेश बढ़ाना होगा.

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