राष्ट्रीय

भारत और रूस में नॉर्थ सी रूट को लेकर हुई बातचीत

रूस की सरकारी एटॉमिक एनर्जी कॉरपोरेशन रोसातोम के सीईओ ने खुलासा किया है कि हिंदुस्तान और रूस के बीच थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन और नॉर्थ सी रूट को संयुक्त रूप से विकसित करने की बात हो रही है रोसातोम के सीईओ ए ई लिखाचेवा ने बोला कि हिंदुस्तान और रूस के बीच आने वाले समय में परमाणु तकनीक के क्षेत्र में योगदान बढ़ने की आसार है और इसमें गैर ऊर्जा और गैर-परमाणु क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा

गेमचेंजर साबित होगा नॉर्दन सी रूट 

लिखेचोवा ने कहा कि हिंदुस्तान और रूस के बीच नॉर्दन सी रूट को साथ मिलकर विकसित करने को लेकर भी वार्ता हो रही है अभी रूसी कंपनी रोसातोम ही इस रूट को विकसित करने का काम कर रही है इस रूट की सहायता से रूस का तेल, कोयला और एलएनजी हिंदुस्तान शीघ्र पहुंच सकेगी साथ ही इस रूट से एशिया की यूरोप से दूरी भी कई हजार किलोमीटर कम हो जाएगी लिखेचोवा ने कहा कि हम यूरो-एशियन कंटेनर ट्रांजिट प्रोजेक्ट के फ्रेमवर्क पर योगदान के विकल्प तलाश रहे हैं

परमाणु क्षेत्र में भारत-रूस में योगदान की काफी संभावनाएं

लिखाचेवा ने बीते महीने तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट का दौरा किया था यह न्यूक्यिलर पावर प्लांट रूस के योगदान से ही बनाया जा रहा है लिखाचेवा ने बोला कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा केंद्र के निर्माण के दौरान दोनों राष्ट्रों को साथ मिलकर काम करने का काफी अनुभव मिला भारतीय कंपनियां, रोसातोम द्वारा बांग्लादेश के रूपपुर में बनाए जा रहे परमाणु ऊर्जा प्लांट के निर्माण से भी जुड़ी हैं उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान और रूस के बीच वैज्ञानिक रिसर्च और नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर फ्यूजन के क्षेत्र में योगदान की काफी संभावनाएं हैं रोसातोम, भारतीय वैज्ञानिकों को रूस में बनाए जा रहे एमबीआईआर मल्टी पर्पज फास्ट न्यूट्रॉन रिसर्च रिएक्टर में रिसर्च की सुविधा देने के लिए भी तैयार है यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली रिसर्च रिएक्टर होगा और इसमें मेडिकल, अप्लाइड फिजिक्स और नए तत्वों को बनाने जैसे मुद्दों पर रिसर्च होगी चीन के बाद हिंदुस्तान में सबसे अधिक परमाणु ऊर्जा केंद्रों का निर्माण हो रहा है वर्ष 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल में 50फीसदी की कटौती और 2050 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पाने में परमाणु ऊर्जा बहुत अहम है

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