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भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी के साथ कर सकती है गठबंधन

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लोकसभा चुनाव के लिए ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) के साथ गठबंधन कर सकती है सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है समाचार यह भी है कि भाजपा के साथ सीट बंटवारे और गठबंधन की अटकलों के बीच बीजू जनता दल (बीजेडी) के वरिष्ठ नेता ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भुवनेश्वर स्थित आवास पर पहुंचे ओडिशा में कुल 21 लोकसभा सीटें हैं 2019 के चुनावों में, बीजेडी ने 12 सीटें जीतीं, भगवा पार्टी को 8 सीटें मिलीं जबकि एक सीट कांग्रेस पार्टी को मिली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो मंगलवार को ओडिशा में थे, ने बोला कि बीजेपी गवर्नमेंट ओडिशा को विकसित हिंदुस्तान और आत्मनिर्भर हिंदुस्तान का प्रवेश द्वार बनाने की प्रयास कर रही है जाजपुर जिले के चंडीखोले में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र गवर्नमेंट ने ओडिशा में भारी निवेश किया है पीएम मोदी ने अपने ओडिशा दौरे के दौरान विपक्ष पर जमकर धावा बोला इस दौरान पीएम मोदी ओडिशा की नवीन पटनायक की गवर्नमेंट पर किसी तरह की बात कहने से बचते दिखे पीएम मोदी के इस व्यवहार के साथ ही बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन की अटकलें भी तेज हो गई थी हालांकि भाजपा और बीजेडी दोनों ही पार्टियों ने अब तक गठबंधन को लेकर किसी तरह की टिप्पणी खुलकर नहीं की है दोनों दलों के नेता लगातार गठबंधन की आसार से बचते दिख रहे है

नवीन पटनायक और भाजपा

चाहे यूपीए हो या एनडीए, हिंदुस्तान गवर्नमेंट के साथ स्थिर संबंधों से नवीन पटनायक को लाभ होता है ओडिशा की अधिकतर लोकसभा सीटें जीतने का उनका रिकॉर्ड मोदी की लोकप्रियता से भी नहीं टूटा हालांकि, मोदी और पटनायक के प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं उनके अच्छे संबंध हैं लेकिन ओडिशा में भाजपा ने बीजेडी के वोटों में सेंध लगा ली है दोनों पार्टियाँ हमेशा एक-दूसरे की प्रतिद्वंद्वी नहीं थीं 1997 में अपने पिता की मौत के बाद नवीन पटनायक ने पहली बार चुनावी राजनीति में प्रवेश किया और उपचुनाव जीता जब एक वर्ष बाद जनता दल विभाजित हो गया, तो पटनायक ने अपनी पार्टी बनाई और केंद्र में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली बीजेपी गवर्नमेंट में केंद्रीय इस्पात और खान मंत्री बने इससे नयी क्षेत्रीय पार्टी बीजेडी की सियासी आरंभ हुई, जो आज तक ओडिशा पर शासन कर रही है बाद में 2000 में, बीजद और बीजेपी ने ओडिशा में गठबंधन गवर्नमेंट बनाई, जिसमें पटनायक सीएम बने भगवा पार्टी के साथ गठबंधन में, पटनायक ने 1998, 1999 और 2004 में तीन लोकसभा चुनाव और साथ ही 2000 और 2004 में दो विधानसभा चुनाव भी लड़े 2008 में दोनों दलों के बीच गठबमधन टूट गईं

दोनों दलों के बीच अनौपचारिक सौहार्द हमेशा एक-दूसरे के लिए आपसी समर्थन पर आधारित रहा है मोदी गवर्नमेंट ने अतिरिक्त उधार अनुमति के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन देकर ओडिशा की सहायता की है रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य को साल 2021-22 और 2022-23 के लिए 2,725 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी की अनुमति मिली है दोनों पार्टियों के बीच अच्छे संबंध इस बात से भी जाहिर होते हैं कि पीएम और गृह मंत्री के निवेदन पर बीजद ने अश्विनी वैष्णव (निवर्तमान केंद्रीय रेल मंत्री) को राज्यसभा के लिए नामित किया नवीन पटनायक ये बाद हमेशा मानते है कि केंद्र के साथ संबंध बनाकर ही राज्य को विकसित किया जा सकता है

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