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भंडार के बारे में गलत सूचना देने वाली इकाइयों पर की जानी चाहिए सख्त कार्रवाई- केंद्र ने चेतावनी

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बुधवार को राज्य सरकारों को दालों के भंडार पर नज़र बढ़ाने को बोला है. केंद्र ने खास तौर से आयातित पीली मटर पर नजर बनाए रखने के लिए बोला है. केंद्र ने 15 अप्रैल से भंडार रखने वाली इकाइयों पर साप्ताहिक आधार पर स्टॉक के बारे में खुलासे की प्रबंध लागू करने का भी निर्देश दिया. भाषा की समाचार के मुताबिक, आयातित दालों की कुछ किस्मों के बाजार में नहीं पहुंचने की खबरों के बीच उन्होंने निर्देश दिया. सचिव ने आयातकों, सीमा शुल्क और राज्य के ऑफिसरों और दाल उद्योग से जुड़े संबंधित पक्षों के साथ औनलाइन बैठक के बाद बोला कि प्रमुख बंदरगाहों और उद्योग केंद्रों में स्थित गोदामों में दाल के भंडार को समय-समय पर सत्यापित किया जाना चाहिए. केंद्र ने चेतावनी देते हुए बोला है कि भंडार के बारे में गलत सूचना देने वाली इकाइयों पर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

30 जून, 2024 तक पीली मटर के आयात की परमिशन

खबर के मुताबिक, एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बैठक में खरे ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बोला कि जमाखोरी और बाजार में हेराफेरी को रोकने के लिए दाल के भंडार की स्थिति और मूल्य के रुख पर नज़र बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने बोला कि पांच प्रमुख दालों – अरहर, उड़द, चना, मसूर और मूंग के अलावा, राज्य सरकारों को आयातित पीली मटर के भंडार की स्थिति की नज़र करने का निर्देश दिया गया है. गवर्नमेंट ने दाल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 8 दिसंबर, 2023 से 30 जून, 2024 तक पीली मटर के आयात की परमिशन दी है.

पोर्टल को नया रूप दिया

खरे ने यह सुनिश्चित करने को बोला कि आयातित पीली मटर बाजार में लगातार जारी हो. साथ ही बाजार में सुचारू सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए आयातकों के पास अरहर (तुअर), उड़द और मसूर के भंडार की नज़र की जानी चाहिए. इस बीच, आयातकों और उद्योग से साप्ताहिक आधार पर आयातित पीली मटर सहित दाल के अपने भंडार की जानकारी देने को बोला गया है. सचिव ने बोला कि इस संबंध में उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भंडार के बारे में जानकारी देने वाले पोर्टल को नया रूप दिया है.

इसके अनुसार इसमें पीली मटर और एक यूनिट के रूप में बड़े खुदरा विक्रेता को शामिल किया गया है. गौरतलब है कि हिंदुस्तान घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है. कृषि मंत्रालय के खाद्यान्न को लेकर दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, फसल साल 2023-24 (जुलाई-जून) के दौरान अरहर और चने का उत्पादन कुछ कम रहेगा.

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