बेंगलुरु में पानी की संकट, प्राइवेट टैंकरों पर सरकार का एक्शन
बेंगलुरु में जल संकट पर एक्शन
बोर्ड ने बोला कि मई के अंत तक जैसे ही मॉनसून आता है ग्राउंड वॉटर रिचार्ज हो जाता है और फिर पेयजल का संकट कम हो जाता है। इस बार ये परेशानी अधिक बढ़ी क्योंकि पिछले वर्ष कम मानसून के चलते फरवरी के समाप्त होते होते ही इन इलाकों में बोरवेल सूख गए। प्राइवेट टैंकर्स ने पानी के लिए मुंह मांगा मूल्य वसूलना प्रारम्भ कर दिया। इन क्षेत्रों में जो जुग्गी झोपड़ियां हैं, वहां परेशानी और भी बढ़ गई है, क्योंकि वहां मोहल्ले की टंकियों में पानी की सप्लाई पर असर पड़ने लगा है।
इसकी वजह ये रही कि अधिक पैसों के लालच में निजी टैंकर्स ने बड़े-बड़े अपार्टमेंट्स में सप्लाई प्रारम्भ कर दी, जिसके चलते उन लोगों को पानी की अधिक किल्लत हो गई।
जल बोर्ड ने क्या कहा?
बोर्ड ने आगे बोला कि इसी तरह गवर्नमेंट के RO प्लांट में भी सप्लाई पर असर पड़ा। पहले 5 रुपए में 20 लीटर पीने का सही पानी मिलता था। अब उसे 10 रुपए कर दिया गया है और एक सदस्य को एक ही कैन दिया जा रहा है। इन सब समस्याओं का संज्ञान लेते हुए प्रशासन हरकत में आया। इसी कारण अब गवर्नमेंट ने सभी निजी टैंकर्स को अपने नियंत्रण में लेने का निर्णय किया है। बता दें कि जल्द ही पीने के पानी से वाहनों की धुलाई और बागवानी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी जाएगी। साथ ही बीडब्ल्यूएसएसबी ने बिल्डर के लिए एक पोर्टल बनाया है, जहां से भवन निर्माण के लिए ट्रीटेड वॉटर ले पाएंगे।
बता दें कि निजी टैंकरों पर गवर्नमेंट की कठोरता के बाद अब अधिकतर जगहों पर प्रभावित इलाकों में नियमित सप्लाई हो रही है। हालांकि झुग्गी बस्तियों में अब कुछ दिक्कतों का लोगों को सामना करना पड़ रहाहै। पानी के संकट के कारण विद्यालय और कॉलेजों को बंद किए जाने की समाचार फर्जी है। साथ ही शहर के बन्नेरघट्टा क्षेत्र में जिस सरकारी विद्यालय में पानी का संकट था, उसे भी दुरुस्त कर लिया गया है। बता दें कि बच्चों को पर्याप्त पानी की सप्लाई की जा रही है। साथ ही विद्यालय जिसके बारे में बोला गया था कि पानी की किल्लत के कारण उसे बंद किया गया है।
जल बोर्ड ने लोगों से की ये अपील
- वाहन की सफाई करते समय पीने के पानी का इस्तेमाल न करें।
- मनोरंजन के उद्देश्य से पीने के पानी को बर्बाद न करें।
- सिनेमा सिनेमाघर और मॉल में पानी बर्बाद न करें।
- निर्माण के दौरान पानी की बर्बादी से बचा जाए।
- हाथ धोने के लिए पीने के पानी का इस्तेमाल न करें।