बाबूलाल मरांडी ने जेपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई जांच कराने की मांग की…
रांची . भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में गड़बड़ी का इल्जाम लगाते हुए इसकी CBI जांच कराने की मांग की है. जेपीएससी ने 11वीं सिविल सर्विस के लिए प्रारंभिक परीक्षा 17 मार्च को ली थी. इसके लिए पूरे राज्य में 834 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. तीन जिलों जामताड़ा, चतरा और धनबाद में विद्यार्थियों ने पेपर लीक और गड़बड़ियों का इल्जाम लगाते हुए बवाल किया था.
बाबूलाल मरांडी ने बोला है कि परीक्षा में शामिल होने वाले अनेक विद्यार्थियों ने उन्हें ई-मेल के माध्यम से परीक्षा में हुई गड़बड़ी के बारे में बताया. परीक्षा में उन्हें दिए गए प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट के नंबर भिन्न-भिन्न हैं. नियमानुसार बुकलेट और ओएमआर पर एक समान नंबर अंकित रहने चाहिए.
मरांडी ने बोला कि परीक्षा के दौरान ही इस षड्यंत्र का मतलब है कि रिज़ल्ट में भी छेड़छाड़ कर सीटों को बेचने की पूरी तैयारी कर ली गई है.
मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “जेएसएससी-सीजीएल के बाद आपाधापी में आयोजित की गई जेपीएससी परीक्षा के बारे में विद्यार्थियों की शंका सच साबित हुई. जेपीएससी परीक्षा में कदाचार से झारखंड के युवाओं के प्रति चंपई गवर्नमेंट की बुरी नीयत साफ हो गई. ये करप्ट गवर्नमेंट झारखंड के युवाओं को जॉब देना ही नहीं चाहती. मैं, झारखंड के नौजवानों को आश्वस्त करता हूं कि उनके परिवार के सपने को टूटने नहीं दूंगा, बीजेपी उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी. राज्य के मुख्य सचिव यथाशीघ्र जेपीएससी प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर इसकी CBI जांच कराते हुए सभी दोषियों को कड़ी सजा दें.”
हालांकि, जेपीएससी ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार करते हुए बोला है कि जानबूझकर साजिशन अफवाह फैलाई गई है. कमीशन की चेयरपर्सन डाक्टर मेरी नीलिमा केरकेट्टा ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर परीक्षा के बारे में अफवाह फैलाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने को बोला है.