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बंगाल के राज्यपाल ने महिला से छेड़छाड़ के आरोप को नकारा

राजभवन की एक अस्थायी स्त्री कर्मचारी ने पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस पर शील भंग करने का इल्जाम लगाते हुए पुलिस में लिखित कम्पलेन दर्ज कराई. बोस ने गुरुवार की रात इल्जाम को नकारते हुए इल्जाम को चुनावी फायदा हासिल करने का सत्ताधारी पार्टी का कोशिश बताया.

गुरुवार रात गवर्नर के कार्यालय द्वारा जारी एक संक्षिप्त बयान में बोला गया, “सच्चाई की जीत होगी. मैं इंजीनियर्ड नैरेिटव से नहीं डरता. यदि कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है तो ईश्वर उनका भला करें. लेकिन वे बंगाल में करप्शन और अत्याचार के विरुद्ध मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते.

गुरुवार दोपहर को राजभवन में एक अस्थायी स्त्री कर्मचारी, जो कथित तौर पर गवर्नर हाउस में शांति कक्ष से जुड़ी हुई थी, राजभवन के अंदर स्थित पुलिस चौकी के प्रभारी अधिकारी के पास पहुंची और इल्जाम लगाया कि सीवी आनंद बोस ने स्थायी जॉब दिलाने का झांसा देकर उसके साथ छेड़छाड़ की.

महिला ने बाद में हेयर स्ट्रीट थाने में एक लिखित कम्पलेन दर्ज कराई.

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बोला कि इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या इल्जाम ठीक है या किसी षड्यंत्र का हिस्सा है.

अधिकारी ने कहा, कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद राज्य संचालित विद्यालयों में लगभग 26,000 लोगों ने अपनी जॉब खो दी है. संदेशखाली में हुए घटनाक्रम को लेकर तृणमूल घिरी हुई है. यह देखना होगा कि क्या यह इल्जाम लोकसभा चुनाव सेजुड़े किसी षड्यंत्र का हिस्सा है. यदि इल्जाम सच है, तो केंद्र गवर्नमेंट निश्चित रूप से इस मुद्दे को देखेगी.

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