पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा…
पीएम मोदी के परिवारवाद पर हमले के बाद उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने गुरुवार को एक बड़ा बयान देते हुए बोला कि वो इस बार लोक सभा का चुनाव नहीं लड़ेगे। उन्होंने अपने बेटे को टिकट देने की मंशा जताई है। इसके बाद प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई।
लोकसभा चुनाव को लेकर जहां भाजपा ने उत्तराखंड की 5 सीटों में से 3 पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है, वहीं अभी तक कांग्रेस पार्टी पार्टी ने एक भी नाम फाइनल नहीं किया है। इसी कशमकश के बीच कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने बेटे वीरेन्द्र रावत के लिए हरिद्वार से टिकट देने की पैरवी की है।
वीरेंद्र रावत पहले से ही खानपुर विधानसभा क्षेत्र में एक्टिव हैं। लेकिन अब उनके होर्डिंग-पोस्टर पूरे लोकसभा क्षेत्र में नजर आने से इसे लोकसभा की दावेदारी के रूप में देखा जा रहा है।
हरीश रावत ने कहा, “चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर निकलना चाहता हूं। यही अवसर है चुनाव लड़ने की राजनीति से बाहर आने का। यदि चुनाव लड़ा तो अगले 10 वर्ष तक चुनाव लड़ने की राजनीति में फंसा रहूंगा।”
वहीं हरीश रावत ने हरिद्वार से अपने बेटे वीरेंद्र रावत के लिए टिकट की पैरवी की है। बेटा कांग्रेस पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष है।
उन्होंने बोला कि पार्टी यदि मेरे संबंधों का, मेरे नाम का, मेरे काम का इस्तेमाल कर पाएगी तो मेरा बेटा उसे बेहतर ढंग से कर पाएगा।
बता दें कि पीएम मोदी अपने भाषणों में लगातार परिवारवाद पर धावा कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी सहित राष्ट्र की दूसरी पार्टियों में परिवारवाद पर धावा किया है।