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पुणे हादसे में पुलिस पूछताछ में ड्राइवर ने किया चौकाने वाला खुलासा, बोला…

इन दिनों देशभर में पुणे सड़क दुर्घटना सुर्खियों में है. तेज रफ्तार लग्जरी कार ने बाइक को भिड़न्त मार दी, जिससे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मृत्यु हो गई. यह कार एक नाबालिग किशोर चला रहा था. इस मुद्दे में एक और बड़ा खुलासा हुआ है ड्राइवर ने पुलिस पूछताछ में कहा कि पिता के कहने पर उसने अपने बेटे को पोर्शे चलाने की इजाजत दी थी पुलिस ने यह बात बुधवार को न्यायालय में कही

जानिए ड्राइवर ने अपने बयान में क्या कहा?

पुलिस को दिए अपने बयान में पोर्शे के ड्राइवर ने बोला कि किशोर वाहन चलाने की जिद कर रहा था इस पर उसने (ड्राइवर) अपने पिता को टेलीफोन किया और पूरे मुद्दे की जानकारी दी इस पर पिता ने बोला कि वह अपने बेटे को कार चलाने दें और वह स्वयं अगली सीट पर बैठें. इसके बाद ड्राइवर ने किशोर को वाहन चलाने के लिए दे दी

पुलिस ने न्यायालय में चालक का पक्ष रखा

अपराध शाखा (यूनिट IV) इंस्पेक्टर गणेश माने ने विशेष न्यायाधीश पोंक्षे के सामने यह बयान तब दिया जब आरोपी के पिता के वकील प्रशांत पाटिल ने दावा किया कि उनके मुवक्किल (बिल्डर) ने गाड़ी ड्राइवर को दिया था, नाबालिग को नहीं. इस पर पुलिस ने बोला कि बिल्डर को पता था कि उसके बेटे के पास न तो ड्राइविंग लाइसेंस है और न ही उसने कार चलाने की ट्रेनिंग ली है तो फिर उन्होंने अपने बेटे को कार चलाने की इजाजत क्यों दी? बिल्डर विशाल अग्रवाल को अपने बेटे को कार चलाने की इजाजत देने के इल्जाम में अरैस्ट किया गया था.

पुणे मुद्दे में अब तक इन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है

पुणे पोर्श मुद्दे में पुलिस ने एक किशोर को शराब परोसने के इल्जाम में ब्लैक मैरियट पब के दो कर्मचारियों जयेश सतीश गावकर (23) और नितेश धनेश शेवानी (34) को अरैस्ट किया. न्यायालय ने बिल्डर विशाल अग्रवाल और दोनों कर्मचारियों को 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया इस मुद्दे में कोसी पब के मालिक नमन भुटाडा (25), काउंटर मैनेजर सचिन काटकर (35) और ब्लैक मैरियट के असिस्टेंट मैनेजर संदीप सांगले (35) को भी पुलिस रिमांड पर भेजा गया है

नाबालिग पांच जून तक बाल सुधार गृह में रहेगी

आपको बता दें कि पुणे सड़क हादसे से पहले नाबालिग आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ दो पब, ब्लैक मैरियट और कोसी में शराब पार्टी की थी. पहले उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह एक निबंध लिखेंगे और पुलिस की सहायता करेंगे, लेकिन बाद में न्यायालय ने जमानत रद्द कर दी और उन्हें 5 जून तक किशोर सुधारगृह में भेज दिया.

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