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पुणे पोर्श हादसे के क्या होगी आरोपी को जेल…

Pune Porsche Car Accident Update: महाराष्ट्र के पुणे में कल्याणी नगर में पोर्श कार से युवक-युवती को कुचलने वाले नाबालिग आरोपी पर टकराव गहराता जा रहा है. गत 18 मई को दुर्घटना हुआ और बाइक सवार IT इंजीनियर मनीष और उसकी दोस्त जबलपुर निवासी अश्विनी कोस्टा की मृत्यु हुई. लोगों ने आरोपी को पकड़कर पीटा और पुलिस के हवाले कर दिया. जांच करने पर शराब के नशे में मिला. पहले आरोपी को निबंध लिखवाकर जमानत दे दी गई.

लोगों ने जमानत के ढंग का विरोध किया तो उसकी जुवेनाइल बोर्ड ने उसकी जमानत रद्द करके उसे 5 जून तक के लिए बाल सुधार गृह में भेज दिया गया. येरवडा थाने में उसके विरुद्ध धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) और धारा 185 (शराब पीकर वाहन चलाने) के अनुसार मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन लोगों के दिल-दिमाग में एक प्रश्न है कि क्या नाबालिग आरोपी को सजा होगी? उसके विरुद्ध जो धाराएं लगाई गई हैं, उनके अनुसार सजा का क्या प्रावधान है? आइए जानते हैं…

दोनों धाराओं के अनुसार सजा का प्रावधान?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कानून में प्रावधान है कि यदि नशे में ड्राइविंग की जाती है और दुर्घटना होता है. हादसे में लोग मारे जाते हैं तो धारा 304 के अनुसार गैर-इरादतन मर्डर का मुकदमा दर्ज होता है. इस धारा के अनुसार आरोपी को पुलिस स्टेशन से जमानत नहीं मिल सकती और उसे 10 वर्ष तक की कारावास की सजा हो सकती है. मोटर गाड़ी अधिनियम 1988 की धारा 185 के अनुसार राष्ट्र में नशे में ड्राइविंग करना क्राइम है.

कानून का उल्लंघन करने वाले को 6 महीने की कारावास हो सकती है. 2 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया जा सकता है. पुणे हादसे के आरोपी को जुवेनाइल बोर्ड ने निबंध लिखवाकर जमानत दे दी थी, लेकिन पुणे पुलिस ने जुवेनाइल बोर्ड के निर्णय के विरुद्ध सेशन न्यायालय में याचिका दाखिल की. न्यायालय ने जुवेनाइल बोर्ड को अपील देने का सुझाव दिया. पुलिस की अर्जी पर जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को बुलाकर उसकी जमानत रद्द कर दी.

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