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पीएम मोदी ने कच्चातिवु मुद्दे पर कांग्रेस और डीएमके पर बोला तीखा हमला, कही ये बात

चेन्नई . पीएम मोदी ने सोमवार को कच्चातिवु मामले पर कांग्रेस पार्टी और डीएमके पर तीखा धावा बोलते हुए बोला कि दोनों परिवारवादी पार्टियाें की उदासीनता के कारण मछुआरों के हितो को हानि हुआ है.

‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “बयानबाजी के अलावा, डीएमके ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ भी नहीं किया है. कच्चातिवु पर सामने आए नए विवरणों ने डीएमके के दोहरे मानकों को खुलासा कर दिया है. कांग्रेस पार्टी और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं. वे सिर्फ़ अपने बेटे-बेटियों की परवाह करते हैं. उन्हें किसी और की परवाह नहीं है. कच्चातिवु पर उनकी उदासीनता ने, विशेष रूप से हमारे गरीब मछुआरों के हितों को हानि पहुंचाया है.

प्रधानमंत्री तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष केअन्नामलाई को दिए विदेश मंत्रालय के एक आरटीआई उत्तर पर आधारित मीडिया रिपोर्ट का उत्तर दे रहे थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने बोला कि तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने 1974 में कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया .

आरटीआई के उत्तर में विदेश मंत्रालय ने बोला कि राष्ट्र के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था कि “द्वीप अप्रासंगिक है” और इसे अपने पास रखने का कोई कारण नहीं है.

अन्नामलाई द्वारा प्राप्त और सार्वजनिक डोमेन में उपस्थित दस्तावेज़ में साफ रूप से बोला गया है कि तत्कालीन अटॉर्नी जनरल और विख्यात अधिवक्ता एमसी सीतलवाड ने राय दी थी कि कच्चातिवु द्वीप पर अधिकार बनाए रखने के लिए हिंदुस्तान के पास ठोस कानूनी आधार है, क्योंकि ईस्ट इण्डिया कंपनी ने इस द्वीप को तत्कालीन रामानाद (रामनाथपुरम) के राजा को सौंप दिया था.

गौरतलब है कि श्रीलंकाई नौसेना द्वारा भारतीय मछुआरों को अरैस्ट करने और उनकी महंगी नौकाओं को बरामद करने से तमिलनाडु के मछुआरों को मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है. इस वर्ष जनवरी से अब तक 125 से अधिक तमिल मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा अरैस्ट किया गया है.

मछुआरों की गिरफ्तारी और महंगी नौकाओं को बरामद करने के विरुद्ध रामनाथपुरम, नागापट्टिनम, पुडुकोट्टई और तमिलनाडु के मछली पकड़ने वाले कई गांवों में मछुआरे परिवार स्ट्राइक पर हैं.

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