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पाटिया पुलिस ने लोकसभा चुनाव के रोज मिली लाश के मामले कियाखुलासा, दो भाई अरेस्ट

उदयपुर. उदयपुर जिले के पाटिया थाना क्षेत्र में गमेती फला बलिचा क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के रोज मिली मृत-शरीर के मुद्दे का थाना पुलिस ने खुलासा कर दिया है. पुलिस ने आरोपी भाइयों अशोक उर्फ अश्विन पुत्र वीरेंद्र उर्फ वीरजी गरासिया (26), बलवीर उर्फ प्रवीण गरासिया निवासी आगनिया फला बलवाड़ा थाना कोतवाली जिला डूंगरपुर को अरैस्ट कर साथी बाल अपचारी को निरुद्ध कर लिया. 22 वर्षीय मृतक लोकेश भी इन्हीं के गांव का रहने वाला था.

एसपी योगेश गोयल ने कहा कि पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि आरोपी और मृतक लोकेश आपस में दोस्त थे. करीब 1 वर्ष पहले आरोपी अश्विन एक नाबालिग लड़की को अपने घर पर लाया. घरवालों की समझाइश और दोनों पक्षों के आपस में वार्ता के बाद नाबालिग लड़की अपने घर चली गई, उसके बाद उसने अश्विन से वार्ता बंद कर दी.

इसी बीच नाबालिग और लोकेश के आपस में प्रेम संबंध स्थापित हो गए. जिसकी जानकारी होने पर आरोपी अश्विन उससे रंजिश रखने लगा. पकड़े गए तीनों आरोपी और मृतक लोकेश की रिश्तेदारी एक ही गांव गमेती फला खेड़ा घाटी में है. आरोपियों को पता था कि लोकेश अपनी मौसी के यहां गमेती फला गया है और नाबालिग लड़की भी वही है. इस पर आरोपियों ने घात लगाकर लोकेश की मर्डर कर दी और लड़की को अगवा कर ले गए.

आरोपी अशोक उर्फ अश्विन ने अपह्रता से गलत काम करना स्वीकार किया है. पुलिस ने अपह्रत नाबालिग को दस्तयाब कर लिया है. जिसका मेडिकल परीक्षण करवा अग्रिम अनुसंधान किया जा रहा है.

यह है मामला

26 अप्रैल की सुबह गमेती फला गांव में एक अज्ञात आदमी की मृत-शरीर पड़ी होने की सूचना मिलने पर एसएचओ पाटिया देवेंद्र सिंह राव मय टीम के मौके पर पहुंचे. आस-पड़ोसियों से पूछताछ के बाद मृत-शरीर की पहचान लोकेश पुत्र भूरालाल निवासी बलवाड़ा जिला डूंगरपुर में की गई. मृतक के भाई सूरज ने पुलिस को कहा कि दो दिन पहले लोकेश उनकी मौसी मनु देवी निवासी खेड़ा घाटी के घर गया था. रात को खाना खाकर बाहर आंगन में सो गया था. अज्ञात लुटेरे उसे घर से ले गए और पत्थर मारकर मर्डर कर दी.

आरोपियों को अरैस्ट कर पुलिस ने किया घटना का खुलासा

एसपी गोयल ने कहा कि मृतक के भाई सूरज की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर घटना के खुलासे के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजना सुखवाल और सीओ राजीव राहर के सुपरविजन एवं एसएचओ देवेंद्र सिंह राव के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई. गठित टीम द्वारा कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए मौजूद साक्ष्य, आसूचना और तकनीकी योगदान से घटना के आरोपी भाइयों बलवीर उर्फ प्रवीण और अश्विन उर्फ अशोक गरासिया और साथी नाबालिग को डिटेन कर घटना का खुलासा कर दिया.

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