पश्चिमी यूपी में सीएम योगी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रैलियां हुई आयोजित
बीजेपी से नाराज राजपूत क्षत्रिय: लोकसभा चुनाव में भाजपा का 370 और एनडीए का 400 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य है। भाजपा नेता चुनावी मंच से 400 से अधिक नारे लगा रहे हैं। इस बीच गुजरात से लेकर पश्चिमी यूपी तक क्षत्रियों ने भाजपा के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। आमतौर पर ठाकुर मतदाता कई दशकों से भाजपा समर्थक माने जाते हैं और सबसे अधिक वोट भाजपा को जाते हैं, लेकिन अब पार्टी के सामने एक नयी परेशानी खड़ी हो गई है। पश्चिमी यूपी में सहारनपुर, मेरठ, गाजियाबाद समेत कई जगहों पर पंचायतें आयोजित की गईं, जिनमें ठाकुर समुदाय ने भाजपा के विरुद्ध हल्ला बोला।
सीएम और रक्षा मंत्री ने की रैली
देखते ही देखते मुद्दा सोशल मीडिया तक पहुंच गया। तो भाजपा तुरंत एक्शन में आ गई। इसके अतिरिक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रैलियां भी आयोजित की गईं। वहीं, कल एक रैली के दौरान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मंत्री सुरेश राणा को सम्मानित किया, उससे यह बहस प्रारम्भ हो गई है कि क्या यह पूरी कवायद क्षत्रियों की नाराजगी को दबाने के लिए तो नहीं है।
सुरेश राणा से बात हुई
लोकसभा चुनाव के लिए पीएम ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रैली की। इस बार भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है। मंच पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मंत्री सुरेश राणा आदि भी उपस्थित थे। जब मुख्यमंत्री योगी मंच से भाषण दे रहे थे तो प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुरेश राणा को इशारा करके बगल की कुर्सी पर बैठाया। दोनों नेता काफी देर तक एक दूसरे से वार्ता करते रहे। सुरेश राणा मुजफ्फरनगर की थाना विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का बड़ा राजपूत चेहरा हैं।
पीएम मोदी और राणा का वीडियो वायरल
पीएम मोदी और राणा की आपस में वार्ता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग तरह-तरह के कयास लगाने लगे। कोई कहने लगा कि वैसे सुरेश राणा राजपूत समुदाय से आते हैं, इसलिए यह वार्ता भी राजपूतों की नाराजगी दूर करने की एक प्रयास है। इसी रैली में जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाषण देने जा रहे थे तो उन्होंने अपनी कुर्सी हटा ली और पीछे जाने की प्रयास की, लेकिन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें आगे से जाने के लिए कहा। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके जरिए योगी आदित्यनाथ को सम्मानित भी किया।
पश्चिमी यूपी में क्षत्रिय समाज परेशान था
ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से क्षत्रिय समुदाय पश्चिमी यूपी से नाराज़ है. इसकी एक वजह गाजियाबाद से सांसद वीके सिंह का टिकट कटना भी है। साथ ही भाजपा ने उनकी स्थान अतुल गर्ग को टिकट दिया है। इसके अतिरिक्त कई अन्य सीटों पर राजपूत उम्मीदवार न उतारना भी नाराजगी का कारण है। रविवार को सहारनपुर के नानौता नगर में आयोजित क्षत्रिय स्वाभिमान महाकुंभ में राजपूत समुदाय के हजारों लोगों ने कसम खाई कि इस बार क्षत्रिय समुदाय अपने अपमान का बदला लेने के लिए ऐसे उम्मीदवारों को वोट देगा जो बीजेपी को हराएंगे.
विवाद बढ़ने पर रूपाला ने माफी मांगी
पंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के 14 लोकसभा क्षेत्रों से क्षत्रिय समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। समाज के लोगों की एक और कम्पलेन यह है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जहां क्षत्रिय सीएम रहे हैं, वहां भाजपा ने किसी भी क्षत्रिय को सीएम नहीं बनाया है। गाजियाबाद में जनरल वीके सिंह की स्थान वैश्य समुदाय के अतुल गर्ग को टिकट दिया गया है। सहारनपुर और मेरठ सीटों पर भी गैर-राजपूत उम्मीदवार उतारे गए. उस समय गुजरात के पाटीदार नेता और केंद्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रुपाला ने राजपूत स्त्रियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी की थी, जिससे क्षत्रिय समाज काफी नाराज है। हालांकि टकराव बढ़ता देख रूपाला ने माफी भी मांगी।