राष्ट्रीय

दिल्ली शराब घोटाला केस में पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी आ सकती है जांच के दायरे में…

नई दिल्ली: दिल्ली शराब भ्रष्टाचार मुकदमा में सीएम अरविंद केजरीवाल ही नहीं, बल्कि अब आम आदमी पार्टी की भी मुसीबत बढ़ सकती है दिल्ली आबकारी नीति मुकदमा में दिल्ली उच्च न्यायालय के जजमेंट से आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने का रास्ता खुल गया है उच्च न्यायालय के निर्णय से अब इस बात की संभावना बढ़ गई है कि दिल्ली शराब भ्रष्टाचार मुकदमा में पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी ही जांच के दायरे में आ सकती है दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने जजमेंट में माना है कि आम आदमी पार्टी भी एक कंपनी की तरह ही है

दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में बोला कि न्यायालय का यह मत है कि आरपीए एक्ट के अनुसार सियासी दल की परिभाषा भी एसोसिएशन और बॉडी ऑफ इंडीविडुअल्स होती है, और PMLA की धारा 70 के अनुसार कंपनी की परिभाषा भी एसोसिएशन ऑफ इंडीविडुअल्स है यहां बताना महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे में प्रवर्तन निदेशालय की दलील थी कि आम आदमी पार्टी (AAP) भी एक कंपनी की तरह काम कर रही थी और इसे PMLA की धारा 70 के अनुसार कंपनी की तर्ज पर देखा जाना चाहिये

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी साफ किया है कि इस आदेश में कही गई बातों का ट्रायल के दौरान मुद्दे की मेरिट पर किसी तरह की राय ना माना जाएअब जब उच्च न्यायालय ने सियासी दल को कंपनी मानकर मनी लॉन्ड्रिंग कानून के दायरे में लाने की इजाजत दे दी है ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय की उस दलील को बल मिलता दिख रहा है, जिसमें उसने बोला था कि दिल्ली शराब भ्रष्टाचार मुकदमा में आम आदमी पार्टी एक कंपनी की तरह काम कर रही थी न्यायालय के इस आदेश के बाद संभवत प्रवर्तन निदेशालय के लिए रास्ता खुल गया है, जिसमें वह आम आदमी पार्टी को भी इस मुद्दे में आरोपी बना सकती है

गौरतलब है कि पिछले वर्ष अक्टूबर में दिल्ली शराब भ्रष्टाचार मुकदमा में कारावास में बंद दिल्ली के पूर्व सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान CBI और प्रवर्तन निदेशालय ने उच्चतम न्यायालय में बोला था कि वह दिल्ली आबकारी नीति संबंधी मामलों में आम आदमी पार्टी (आप) को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं जांच एजेंसियों ने अक्सर बोला है कि आम आदमी पार्टी उन हितधारकों से प्राप्त घूस की लाभ पाने वाले थी, जिन्हें बदले में शराब लाइसेंस प्राप्त हुए थे उन्होंने इल्जाम लगाया है कि आप ने इस धन का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए किया था

फैसले में अरविंद केजरीवाल को लेकर क्या बोला गया?
अरविंद केजरीवाल को झटका देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने अपने निर्णय में कहा, ‘ जो सामग्री न्यायालय में दी गई है, उससे पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर अन्य व्यक्तियों के साथ षड्यंत्र रची थी और साउथ ग्रुप से घूस मांगने की प्रक्रिया के साथ-साथ क्राइम की आय को उत्पन्न करने, इस्तेमाल करने और छिपाने की प्रक्रिया में दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण में शामिल थे

आम आदमी पार्टी ने क्या कहा
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने दावा किया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध धनशोधन का मुद्दा ‘सबसे बड़ी साजिश’ है उन्होंने केजरीवाल के मुद्दे का जिक्र करते हुए इल्जाम लगाया कि ‘फर्जी’ गवाह बनाए गए हैं और ‘निराधार’ इल्जाम लगाए जा रहे हैं सिंह ने कहा, ‘हमें पूरा भरोसा है कि जल्द ही केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से इन्साफ मिलेगा संजय सिंह का यह बयान दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज किए जाने के बाद आया अरविंद केजरीवाल ने हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन मुद्दे में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए बोला कि किसी कानूनी प्रावधान का उल्लंघन नहीं हुआ है

सौरभा भारद्वाज ने क्या इल्जाम लगाया
वहीं, सौरभ भारद्वाज ने इल्जाम लगाया, ‘तथाकथित आबकारी नीति भ्रष्टाचार पार्टी और केजरीवाल को समाप्त करने की राष्ट्र की सबसे बड़ी सियासी षड्यंत्र है’ उन्होंने दावा किया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ‘तथाकथित आबकारी नीति मामले’ में गैरकानूनी धन का एक रुपया भी बरामद करने में विफल रहे हैं भारद्वाज ने कहा, ‘पूरा मुद्दा धनशोधन से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र की सबसे बड़ी सियासी षड्यंत्र है यह अरविंद केजरीवाल एवं दिल्ली और पंजाब में आप गवर्नमेंट को कुचलने और समाप्त करने की षड्यंत्र है’ उन्होंने कहा, ‘अदालतों के रिकॉर्ड पर बार-बार यह बात सामने आई है कि गवाहों पर दबाव डाला गया गवाहों को पीटा गया, डराया गया, धमकाया गया और दबाव डाला गया कि वे अपनी पुरानी गवाही बदलें और वही बयान दें जो प्रवर्तन निदेशालय चाहती है, जो केंद्र गवर्नमेंट की एजेंसी चाहती है. यह मेरा इल्जाम नहीं है, ये सब रिकॉर्ड पर है

Related Articles

Back to top button