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दिल्ली में ‘आतंकी’ के साथ लगी पूर्व PM मनमोहन सिंह की तस्वीर

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में आतंकवादी यासीन मलिक की रिहाई के लिए कांग्रेस पार्टी को वोट देने की अपील करने वाले पोस्टर देखने को मिले हैं. इन पोस्टर पर आतंकवादी यासीन मलिक और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की मुलाकात वाली तस्वीर लगाई गई है. हालाँकि, सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस ने फ़ौरन कार्रवाई करते हुए इन पोस्टर को हटा दिया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मंडी हाउस चौक के निकट यह पोस्टर मंगलवार (30 अप्रैल, 2024) को देखने को मिले हैं. इनमें 25 मई को कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान करने की अपील की गई है. इसके साथ ही इनमें जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के आतंकवादी यासीन मलिक और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की एक तस्वीर है. तस्वीर के साथ पोस्टर में लिखा हुआ है कि, “यासीन मलिक की रिहाई और बोलने की आजादी के लिए वोट करें.” साथ ही इसमें ‘वॉईस फॉर डेमोक्रेसी’ नाम लिखा हुआ है. यह पोस्टर क्षेत्र के खम्भों पर लगवाए गए थे. इनकी सूचना मिलने पर दिल्ली पुलिस ने इन्हें हटवा दिया. बता दें कि, यासीन मलिक भी कांग्रेस पार्टी की तरह 370 लागू करने का समर्थक है और आज़ाद कश्मीर की बात करता है

वहीं, आतंकवादी यासीन मलिक की रिहाई के लिए कांग्रेस पार्टी को वोट देने के पोस्टर किसने लगवाए, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है. दिल्ली कांग्रेस पार्टी के भी किसी पदाधिकारी ने इस सम्बन्ध में कोई बयान नहीं दिया है. हालाँकि,  इसको लेकर कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया यूज़र्स के निशाने पर आ गई है. बता दें कि, आतंकवादी यासीन मलिक इस समय में तिहाड़ कारावास में बंद है. वह विंग कमांडर अधिकारी रवि खन्ना सहित कई ऑफिसरों की मर्डर के मुद्दे में शामिल है. उसके ऊपर टेरर फंडिंग का मुद्दा भी चल रहा है. यही नहीं, आतंकवादी यासीन मलिक स्वयं TV पर ये कबूल कर चुका है कि, उसने भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अफसरों की मर्डर की थी. ये कबूलनामा करने के बाद उसकी मुलाकात पीएम मनमोहन सिंह से हुई थी. आतंकवादी यासीन और पीएम मनमोहन की ये तस्वीर 2006 की हैं. 2006 में यासीन मलिक को कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट ने पीएम आवास में आने का निमंत्रण दिया था. आतंकवादी इस दौरान पीएम मनमोहन सिंह से मिलकर वार्ता कर रहा था. इस दौरान वह पीएम मनमोहन सिंह के साथ हाथ मिलाते भी नज़र आया  था.

यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) नामक अलगाववादी संगठन का अध्यक्ष था, जिसे मोदी गवर्नमेंट ने 2019 में प्रतिबंधित कर दिया था. यासीन मलिक 1990 के दशक में आतंक करने के बाद कार्रवाई से बचने के लिए गाँधीवादी होने का नाटक करने लगा था और शांति की बातें करता था. जिसके कारण सरकारें उसे अरेस्ट नहीं कर रहीं थीं. लेकिन, 2019 में यासीन मलिक को NIA द्वारा अरेस्ट किया गया और वह अभी टेरर फंडिंग मुद्दे में दिल्ली की तिहाड़ कारावास में उम्रकैद की सजा काट रहा है. बता दें कि जनवरी 1990 में, यासीन मलिक ने आतंकियों के एक समूह का नेतृत्व किया था, जिन्होंने श्रीनगर में भारतीय वायु सेना (IAF) कर्मियों पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप चार ऑफिसरों की मृत्यु हो गई और 20 से अधिक अन्य घायल हो गए थे.

 

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