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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष ने केन्द्रीय कारागृह का किया मासिक निरीक्षण

जोधपुर. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश विक्रान्त गुप्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव निहालचंद ने संयुक्त रूप से केन्द्रीय कारागृह के जेल-उपाधीक्षक सौरभ स्वामी की उपस्थिति में मंगलवार को केन्द्रीय कारागृह का मासिक निरीक्षण किया गया. साथ ही इस दौरान विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया. जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष ने आयोजित शिविर में बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए जिन बंदियों के मुद्दे में अधिवक्ता नहीं हैं, उनकी ओर से लीगल एड डिफेंस कॉउन्सिल द्वारा मुद्दे में पैरवी करने एवं जमानत इत्यादि की कार्रवाई करने के बारे में जानकारी दी.

जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुप्ता ने कारावास में निरुद्ध बंदियों से व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली साथ ही, उन्हें कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित किया. और बंदियों से वार्तालाप कर उनकी समस्याओं को सुना. इस दौरान उन्होंने केन्द्रीय कारागृह में पुरुष बैरक, भोजन-शाला, हॉस्पिटल का निरीक्षण किया गया. साथ ही, भोजनशाला में साफ-सफाई की प्रबंध ठीक पाई.

निरीक्षण के दौरान उन्होंने बंदियों को कहा कि यदि उन्हें मुफ़्त अधिवक्ता की जरूरत हो तो वे कारागृह प्रशासन के माध्यम से अपना प्रार्थना पत्र भेज सकते हैं. इस दौरान छोटे अपराधों में निरूद्ध ऐसे बंदी, जो लम्बे समय से कारावास में हैं, उनके मामलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा त्वरित संज्ञान लेने तथा संबंधित कोर्ट में जमानत आवेदन दाखिल कराये जाने के लिए सचिव को निर्देशित किया. साथ ही ऐसे बंदी जिनकी जमानत स्वीकृत हो गई है, किन्तु किसी असमर्थतता के कारण जमानत प्रस्तुत नहीं किया गया है, ऐसे मामलों में धारा 440 दप्रसं के अन्तर्गत आवेदन संबंधित कोर्ट में दाखिल कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया.

केन्द्रीय कारागृह के कारावास अधीक्षक प्रदीप लाखावत ने जिला न्यायाधीश को जानकारी देते हुए कहा कि कारावास निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर से बंदी लाभान्वित हो रहे है, बंदियों की पहले की तुलना में रिहाई भी अधिक हो रही है. कारावास उपाधीक्षक सौरभ स्वामी द्वारा बंदियों को कारावास नियमावली के संबंध में जानकारी दी गई तथा कारावास लीगल एड क्लिनिक के माध्यम से जिन बंदियों के मामलों में अधिवक्ता नहीं हैं, उन्हें पैरवी करने तथा जमानत आवेदन दाखिल कराये जाने के लिए विधिक सहायता प्रदान कर मुफ़्त अधिवक्ता दिलाये जाने के बारे में कहा गया. बंदियों को रिहा होने के उपरान्त पुनः क्राइम न करने की भी राय दी. साथ ही, विधिक साक्षरता शिविर के अंत में कारावास परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया गया.

इस दौरान कारावास के अधिकारी हनवंत, लीगल एड डिफेन्स कॉउन्सिंल के चीफ प्रेमेन्द्र पुरी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी सहित कारावास कर्मचारी मौजूद रहे.

 

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