जानें क्या है CAA और इसे क्यों किया गया लागू…
नई दिल्ली: वर्ष 2019 से ही CAA की चर्चा से चल रही है। सोमवार को राष्ट्र में इसे तुरन्त असर से लागू कर दिया गया। तब से इसकी चर्चा और जोड़ पकड़ ली है। कोई इसका समर्थन कर रहा है तो कोई विरोध। आईए आपको CAA की पूरी ABCD बताते हैं यानी कि CAA से जुड़ी सारी जानकारियां। क्या है CAA, इसे क्यों लागू किया गया, इसका उद्देश्य क्या है और बहुत कुछ।
क्या है CAA
CAA को हिंदी में नागरिकता संसोधन अधिनियम यानी Citizenship Amendment Act (CAA) 2019, सरल भाषा में इसे CAA कहते हैं। CAA यानी एक अधिनियम है, जिसे केंद्र गवर्नमेंट ने सोमवार को राष्ट्र में तुरन्त असर से लागू कर दिया गया। राष्ट्र में CAA लागू करना 2019 लोक सभा चुनाव में भाजपा के मैनोफेस्टो में भी शामिल था।
दिसंबर 2019 में हुआ था पारित
दिसंबर 2019 में संसद की दोनों सदनों ने सीएए पारित किया था। CAA 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था। CAA के लागू होने से हिंदुस्तान के पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर मुसलमान शरणार्थियों को हिंदुस्तान की नागरिकता देने को रास्ता साफ हो गया है।
CAA लागू करने का उद्देश्य
सीएए का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न की वजह से हिंदुस्तान में शरण लेने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना है। सीएए में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिमों यानी यानी हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी समुदायों के लिए नागरिकता के नियम को सरल बनाया गया है। नागरिकता हासिल करने के लिए एक वर्ष से लेकर छह किया गया।
CAA के लिए आवेदन
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तीनों राष्ट्रों से 31 दिसबंर 2014 से पहले आने वाले गैर मुसलमान शरणार्थी आवेदन कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने पूरी प्रक्रिया औनलाइन किया है और इसके लिए पोर्टल भी लॉन्च किया जा रहा है।
क्या होगी शर्त
- भारत में कम से कम 12 महीने बिताने के बाद ही यहां की नागरिकता चाहने वाले लोग सीएए के अनुसार आवेदन के लिए पात्र माने जाएंगे।
- आवेदकों को यह सुनिश्चित करनी होगी कि वे वर्तमान नागरिकता को त्याग रहे हैं और हिंदुस्तान को अपना स्थायी घर बनाना चाहते हैं।
- आवेदन स्वीकार किए जाने के बाद आवेदकों को शपथ लेनी होगी कि वे विधि यानी कानून द्वारा स्थापित हिंदुस्तान के संविधान के प्रति आस्था और निष्ठा रखेंगे।
- आवेदकों को यह भी शपथ लेनी होगी कि वे हिंदुस्तान के नागरिक के रूप में ईमानदारी से कानूनों का पालन करेंगे और कर्तव्यों का पूरा पालन करेंगे।
क्यों लाया गया CAA
कई दशक से हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी इन अल्प संख्यकों को लंबे समय के वीजा पर हिंदुस्तान में रहना पड़ता था और इन्हें बार- बार रिनुअल यानी नवीनीकरण कराना पड़ता था। साथ ही उन्हें डॉक्यूमेंट्स भी देने पड़ते थे।घर बार छोड़कर भागने वालों के पास डॉक्यूमेंट्स नहीं होते। सीएए के अनुसार इन तीन राष्ट्रों से होने का डॉक्यूमेंट्स देने की जरूरत को समाप्त कर दिया गया है।
देश में क्यों हो रहा CAA का विरोध
- CAA के लागू होने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के केवल गैर मुसलमान अप्रवासी ही हिंदुस्तान की नागरिकता के लिए अपना आवेदन कर सकेंगे।
- लेकिन इन राष्ट्रों के मुसलमानों को यह सुविधा नहीं होगी।
- विपक्ष का मानना है कि, CAA में जानबुझकर मुसलमान समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। वे गैरकानूनी घोषित किए जा सकते हैं।
- आलोचक इस कानून को NRC से जोड़ रहे हैं। ऐसा बोला जा रहा है कि, NRC के जरिए लोगों से भारतीय नागरिकता छीनी जाएगी और फिर CAA के जरिए उन्हें फिर से नागरिकता दी जाएगी। इस प्रक्रिया में तब मुसलमानों को राष्ट्र से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
- इस कानून के जरिए पड़ोसी राष्ट्र के लोगों को हिंदुस्तान की नागरिकता दी जाएगी। ऐसे में राष्ट्र की जनसंख्या बढ़ने से यहां के संसाधनों पर दबाव बढ़ेगा।
- CAA कानून में मुसलमान वर्ग को बहार रखने के वजह से हिंदुस्तान गवर्नमेंट पर धार्मिक भेदभाव का इल्जाम भी लगा है।
कानून की मुख्य बातें
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक से पाक , अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई गैरकानूनी प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है।
क्या कहता है CA 1955
नागरिकता अधिनियम, 1955 यह बताता है कि कौन भारतीय नागरिकता प्राप्त कर सकता है और किस आधार पर कर सकता है। कोई आदमी भारतीय नागरिक बन सकता है। यदि उसका जन्म हिंदुस्तान में हुआ हो या उसके माता-पिता भारतीय हों या फिर कुछ समय से राष्ट्र में रह रहे हों। हालांकि, गैरकानूनी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित किया गया है।
अवैध प्रवासी क्या है
अवैध प्रवासी वह विदेशी होता है जो-
- पासपोर्ट और वीजा जैसे वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना राष्ट्र में प्रवेश करता है।
- वैध दस्तावेजों के साथ प्रवेश करता है, लेकिन अनुमत समय अवधि से अधिक समय तक रहता है।