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क्या पूरा बंगाल ‘संदेशखाली’ बन चुका है, पीड़ित महिला ने किया ये दावा

कोलकाता: सोमवार (1 अप्रैल) को एक हिंदू स्त्री का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) के गुंडों पर क्षेत्रीय पुलिस के साथ मिलकर उनके मंदिर को नष्ट करने और उनकी जमीन पर जबरन कब्जा करने का इल्जाम लगाया. पीड़िता की पहचान पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर शहर के शांतिनिकेतन निवासी दुर्गा रॉय के रूप में हुई. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने बोला कि, ”उन्होंने मेरे मंदिर में तोड़फोड़ की और पुलिस के सामने मेरी पिटाई की. बाद में पुलिस ने मुझे ही अरैस्ट कर लिया.

दुर्गा राय ने कहा कि, “मैं घटना की रिकॉर्डिंग कर रही था, लेकिन उन्होंने मेरा टेलीफोन छीन लिया और सारे सबूत मिटा दिए. फिर पुलिस ने मुझे कारावास में डाल दिया. ‘जब मैं शाम को कारावास से रिहा हुई, तो मुझे पता चला कि मंदिर नष्ट कर दिया गया है. उन्होंने इस तरह से गैरकानूनी निर्माण भी प्रारम्भ कर दिया था कि मेरी चारदीवारी की नींव ढह जाएगी.” उन्होंने शेख हसन और क्षेत्रीय तृण मूल काँग्रेस पार्षद चंदन मंडल पर मंदिर विध्वंस में सहायता करने का इल्जाम लगाया है. उन्होंने बोला कि, “वार्ड नंबर 2 के तृण मूल काँग्रेस पार्षद चंदन मंडल भी इसमें हैं. वे मेरे मंदिर की जमीन पर कब्जा करने की षड्यंत्र कर रहे हैं. मैंने एसपी और स्त्री आयोग से कम्पलेन की है लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है.

पीड़िता ने कहा कि, “जिसने मेरा मंदिर नष्ट किया था, उसका नाम शेख हसन है. मैंने उनसे बोला कि मुद्दा न्यायालय में है लेकिन उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी. इसके बजाय, मुझे कारावास में बंद कर दिया गया और बेरहमी से पीटा गया.” उन्होंने कहा कि “शांतिनेकेतन थाने में पुलिस वालों ने मेरे साथ बहुत ही गंदे अपशब्दों का प्रयोग किया. मैं लगातार भय की स्थिति में जी रही हूं. अज्ञात लोग अक्सर क्षेत्र में आते हैं और मुझपर छींटाकशी करते हैं.

दुर्गा रॉय ने आगे कहा, “मैं अब घर तक ही सीमित हूं और बाहर नहीं निकल सकती. मुझे न्याय चाहिए. मैं न्यायपालिका के निर्णय को स्वीकार करूंगी. लेकिन पुलिस मुझे क्यों मारेगी? मैं एक अकेली मां हूं और अपने दो बच्चों का पालन-पोषण कर रही हूं.” उन्होंने आगे बोला कि, “अगर कोई गैरकानूनी कब्ज़ा था तो पुलिस मुझसे इस बारे में बात कर सकती थी. मैं उनकी बात मान लेती. लेकिन कोई नोटिस नहीं आया. पुलिस मेरी बात सुनने के लिए भी तैयार नहीं थी.क्षेत्रीय रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गा रॉय ने पुलिस अधीक्षक से कम्पलेन की है कि देबब्रत चौधरी नाम का एक क्षेत्रीय प्रभावशाली आदमी न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करके उनकी जमीन पर कब्जा करने की प्रयास कर रहा है.

अपनी कम्पलेन में, उन्होंने कथित तौर पर बोला कि पुलिस चौधरी को उसकी संपत्ति पर कब्ज़ा करने में सहायता कर रही थी. अपने बचाव में देबब्रत चौधरी ने बोला कि, ”मैंने अपनी जमीन पर कब्जा कर लिया है. मैंने किसी की एक इंच भी जमीन नहीं ली है. मेरे विरुद्ध सभी इल्जाम झूठे हैं.

संदेशखाली में भी हुआ था जमीनों पर कब्जा:-

बता दें कि, पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली गांव में अशांति ने पूर्व तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों शिबू प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार द्वारा स्त्रियों के विरुद्ध किए गए अत्याचारों को ध्यान में लाया था. कई महिलाएं इन तीनों द्वारा उनके विरुद्ध की गई जमीन हड़पने और यौन अत्याचार की घटनाओं के बारे में बताने के लिए आगे आई हैं. हालात से विवश होकर उन्होंने मुद्दे को अपने हाथ में ले लिया और पुलिस स्टेशन का घेराव कर लिया. स्त्रियों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के कारण अंततः 3 तृण मूल काँग्रेस गुंडों की गिरफ्तारी हुई. हालाँकि, इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) ने संदेशखाली में स्त्रियों के विरुद्ध हुई यौन अत्याचार को महत्वहीन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी.

ममता बनर्जी के अलावा, तृण मूल काँग्रेस विधायक उदयन गुहा ने भी 29 फरवरी को संदेशखाली में स्त्रियों के यौन उत्पीड़न को ‘शरारत’ बताकर कम करने का कोशिश किया था. तृण मूल काँग्रेस प्रवक्ता जुई बिस्वास ने भी सबूत के तौर पर ‘बलात्कार के वीडियो फुटेज’ की मांग करके संदेशखाली में यौन अत्याचार से इनकार किया था. पत्रकार सागरिका घोष, जिन्हें हाल ही में तृण मूल काँग्रेस द्वारा राज्यसभा सीट से पुरस्कृत किया गया था, ने भी संदेशखाली गांव में भड़की अशांति को ‘स्थानीय भूमि विवाद’ कहा था.

TMC मंत्री पार्थ भौमिक ने पहले संदेशखाली गांव की स्त्रियों द्वारा यौन अत्याचार के आरोपों को ‘फर्जी’ कहकर खारिज करने की प्रयास की थी. 10 मार्च को, अदाकारा से हुगली से तृण मूल काँग्रेस उम्मीदवार बनी रचना बनर्जी को संदेशखाली की स्त्रियों के साथ होने वाली यौन अत्याचार पर इल्जाम लगाते देखा गया था. हाल ही में कोलकाता के मेयर और तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विधायक फिरहम वैध का संदेशखाली गांव की स्त्रियों की दुर्दशा पर व्यंग्य करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था. स्त्रियों की तकलीफों का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा, ”अब, आप जानते हैं कि एक ‘खाली’ सारी सुर्खियां बटोर रही है. क्या ‘खाली’? आह, संदेशखाली यह हर स्थान है.

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