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कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी दिल्ली कांग्रेस के भीतर बनी कलह की बड़ी वजह

बड़ी आशा के साथ राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आलाकमान ने उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि ऐसा लग रहा है कि कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी दिल्ली कांग्रेस पार्टी के भीतर कलह की बड़ी वजह बन चुकी है. कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी को लेकर दिल्ली कांग्रेस पार्टी पूरी ढंग से दो हिस्सों में बढ़ चुकी है. मुद्दा इतना बिगड़ गया कि दिल्ली कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने अपने पद से ही त्याग-पत्र दे दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने तो आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस पार्टी के गठबंधन को लेकर भी निराशा जताई. ऐसे में अब उत्तर पूर्वी दिल्ली में चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी के लिए स्थितियां लगातार बिगड़ती जा रही है. पार्टी इसे समेटने की प्रयास जरूर कर रही है लेकिन यह बिखरता जा रहा है.

क्यों प्रारम्भ हुआ बवाल

दरअसल, दिल्ली कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का इल्जाम है कि कन्हैया कुमार क्षेत्रीय नेताओं को महत्व नहीं दे रहे हैं. कन्हैया कुमार के कार्यालय उद्घाटन को लेकर जो पोस्ट छपी थी उसमें केवल राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल की फोटो थी. दिल्ली कांग्रेस पार्टी के नेताओं को यह भी पसंद नहीं आया. इतना ही नहीं, कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी का विरोध कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ओर से किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का साफतौर पर बोलना है कि उन्हें बाहरी उम्मीदवार नहीं चाहिए. अरविंदर सिंह लवली के त्याग-पत्र के बाद कांग्रेस पार्टी का विरोध सड़क पर आ चुका है. कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर कन्हैया कुमार का विरोध कर रहे हैं. कन्हैया कुमार के व्यवहार ने भी कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को आहत किया है. कार्यकर्ता स्पष्ट रूप से बोला रहे हैं कि अरविंदर सिंह लवली, संदीप दीक्षित जैसे लोगों को टिकट दिया जाना चाहिए क्योंकि वे क्षेत्रीय समस्याओं को समझते हैं.

कन्हैया की वजह से लवली का इस्तीफा

बताया जा रहा है कि अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे के पीछे भी कन्हैया कुमार एक बड़े फैक्टर है. साथ ही साथ दिल्ली कांग्रेस पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया से भी उनकी बन नहीं रही थी. अमरिंदर सिंह लवली काफी नाखुश थे क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में आप से गठबंधन किया था. बाबरिया दिल्ली के नेताओं को लगातार दरकिनार करने की प्रयास कर रहे थे. लवली का यह भी बोलना है कि आलाकमान ने प्रदेश के नेताओं की नहीं सुनी है. उन्होंने बोला कि उनका त्याग-पत्र इस बात से दुखी कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के दर्द को जाहिर करता है कि ‘‘पिछले सात-आठ साल के दौरान वे जिन आदर्शों के लिए लड़ रहे थे’’ उनसे समझौता किया जा रहा है. कन्हैया कुमार ने पूरे प्रकरण पर कहा, ‘‘मुझे नहीं पता. मुझे कोई जानकारी नहीं है. मुझे पार्टी से जानकारी एकत्र करने दीजिए और फिर आपको बताऊंगा.’’

दो फाड़ कांग्रेस

पार्टी से त्याग-पत्र देने वाले दिल्ली के पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान ने बोला कि बाबरिया को दिल्ली के एआईसीसी प्रभारी पद से हटाया जाना चाहिए. उन्होंने बोला कि दीपक बाबरिया को दिल्ली से हटाएं और कांग्रेस पार्टी बचाएं. कांग्रेस पार्टी नेता संदीप दीक्षित ने बोला कि लवली द्वारा उठाए गए मुद्दों का निवारण किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनके इस्तीफे को लेकर चर्चा की है. साफ रूप से, वह पिछले कुछ महीनों में हुई घटनाओं से दुखी हैं. उन्होंने जो मामले उठाए हैं, उनका निवारण किए जाने की जरूरत है.’’ पार्टी नेता अभिषेक दत्त ने बोला कि उन्होंने पार्टी की प्रबंध को अस्वीकार कर दिया. अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि वह गठबंधन के विरुद्ध हैं लेकिन फिर टिकट क्यों मांग रहे हैं? कांग्रेस पार्टी के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान का बोलना है, ”पार्टी में मतभेद हो सकते हैं…अगर लवली निराश थे, त्याग-पत्र देना चाहते थे तो चुपचाप मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना त्याग-पत्र दे देते, पत्र में जिस तरह के कारणों का जिक्र है और फिर उन्होंने त्याग-पत्र दे दिया.

भाजपा का तंज

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने बोला कि लवली ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर त्याग-पत्र देने का निर्णय किया है. सचदेवा ने कहा, ‘‘कोई भी देशभक्त ऐसे आदमी के साथ खड़ा नहीं होगा जो राष्ट्र को बांटने की बात करेगा या राष्ट्र के दुश्मनों के साथ खड़ा होगा. कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह से टिकट बांटे हैं उसे देखते हुए कई लोग बगावत का झंडा बुलंद कर रहे हैं.’’ भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने बोला कि यह एकदम साफ है कि जिस जहाज के कप्तान राहुल गांधी हैं, वह जहाज डूब रहा है. प्रदेश अध्यक्ष का त्याग-पत्र और उनका इल्जाम कांग्रेस पार्टी पर है, जो अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा कर रही है, जिससे दिल्ली की जनता खुश नहीं बल्कि निराश है. भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने बोला कि कांग्रेस पार्टी पार्टी के पास कोई मिशन या विज़न नहीं है, यह सिर्फ़ भ्रम, विभाजन और विरोधाभास में डूबी हुई है. हमने देखा है कि यह कैसे चल रहा है, खासकर दिल्ली में. जब कांग्रेस पार्टी पार्टी के कार्यकर्ता दिल्ली की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे कि ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिया गया जिनका दिल्ली से कोई लेना-देना नहीं है, जैसे कि कन्हैया कुमार, जिन्होंने सशस्त्र बलों को गाली दी और उग्रवादियों को शहीद कहा.

आप का पक्ष

दिल्ली कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद से अरविंदर सिंह लवली के इस्तीफे पर आप नेता संजय सिंह ने बोला कि अरविंदर सिंह लवली ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन बनाने में अहम किरदार निभाई है. जब मुख्यमंत्री (अरविंद केजरीवाल) को अरैस्ट किया जा रहा था, तब अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस पार्टी की ओर से सबसे पहले पहुंचने वाले थे. लेकिन वह ऐसा क्यों कह रहे हैं, बताएं. आप नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज कहते हैं, ”कांग्रेस हमारी गठबंधन सहयोगी है और यह पार्टी का आंतरिक मुद्दा है, इसलिए मेरा मानना ​​है कि बेहतर होगा कि वे (कांग्रेस) इस बारे में बोलें.

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