कनाडा के खालिस्तान समर्थन पर भारत ने कहा…
India Canada Row: हिंदुस्तान ने मंगलवार को कनाडा गवर्नमेंट पर अत्याचार का उत्सव मनाने और महिमामंडन करने की अनुमति देने का इल्जाम लगाया और ओटावा से बोला कि वह कनाडा में आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को पनाह देना बंद करे. इससे पहले ओंटारियो के माल्टन में एक जुलूस में खालिस्तान समर्थक भावनाएं प्रदर्शित की गई थीं.
‘नगर कीर्तन’ में एक विवादास्पद झांकी शामिल होने पर अपनी प्रतिक्रिया में हिंदुस्तान ने जस्टिन ट्रूडो गवर्नमेंट से बोला कि वह कनाडा में आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को पनाह देना बंद करे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बोला कि हिंदुस्तान कनाडा में अपने राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है और आशा करता है कि ओटावा यह सुनिश्चित करेगा कि वे बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकें.
यह विवादास्पद जुलूस रविवार को निकाला गया था. उन्होंने बोला कि हमने कनाडा में चरमपंथी तत्वों द्वारा हमारे सियासी नेतृत्व के विरुद्ध इस्तेमाल की जा रही हिंसक तस्वीरों को लेकर बार-बार अपनी गहरी चिंता जताई है. उन्होंने बोला कि पिछले वर्ष हमारी पूर्व पीएम की मर्डर को दर्शाने वाली एक झांकी का इस्तेमाल एक जुलूस में किया गया था.
जायसवाल ने बोला कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों के पोस्टर भी लगाए गए हैं जिनमें उनके विरुद्ध अत्याचार की धमकी दी गई है. उन्होंने बोला कि अत्याचार का उत्सव मनाना और उसका महिमामंडन करना किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए. कानून के शासन का सम्मान करने वाले लोकतांत्रिक राष्ट्रों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों को डराने-धमकाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
पिछले साल सितंबर में पीएम ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की मर्डर में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के इल्जाम लगाए थे जिसके बाद हिंदुस्तान और कनाडा के संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था. हिंदुस्तान ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था. पिछले सप्ताह कनाडा के ऑफिसरों ने 3 भारतीय नागरिकों पर निज्जर की मर्डर का इल्जाम लगाया था. कहा जाता है कि वे विद्यार्थी वीजा पर कनाडा पहुंचे थे.