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अगर किसी जगह का नाम बदला तो मिलेगी सजा, सीएम ने एक्स पर दी जानकारी

इंफाल: मणिपुर विधानसभा ने सक्षम प्राधिकार की स्वीकृति के बिना स्थानों का नाम परिवर्तितन करने को दंडनीय क्राइम बनाने संबंधी एक विधेयक पारित कर दिया है सीएम एन बीरेन सिंह ने सोमवार को विधानसभा में ‘मणिपुर स्थानों का नाम विधायक, 2024’ पेश किया था और इसे सदन में आम-सहमति से पारित कर दिया इस मौके पर मुख्यमंत्री ने बोला कि पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता है

सीएम एन बीरेन सिंह ने विधेयक पारित होने के बाद ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी उन्होंने अपनी पोस्ट में बोला कि ‘‘मणिपुर राज्य गवर्नमेंट हमारे इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और पुरखों से चली आ रही विरासत की रक्षा करने को लेकर गंभीर है’’ उन्होंने बोला कि ‘‘हम बिना सहमति के स्थानों का नाम बदलना और उनके नामों का दुरुपयोग करना बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस क्राइम के दोषियों को कठोर कानूनी दंड दिया जाएगा’’

जेल और जुर्माने का प्रावधान

विधेयक के अनुसार, गवर्नमेंट की सहमति के बिना गांवों/स्थानों का नाम बदलने के दोषियों को अधिकतम 3 वर्ष की कारावास की सजा दी जा सकती है और उन पर 3 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है सीएम ने सोमवार को विधानसभा में बोला था कि ‘‘ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें चुराचांदपुर को लमका और कांगपोकपी को कांगुई बोला गया है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है’’ मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य गवर्नमेंट ने स्थानों/गांवों को दिए सभी नए नाम पहले ही रद्द कर दिए हैं

म्यांमार से गैरकानूनी ढंग से आए लोग 

इसी दौरान मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने विधानसभा में बोला कि 3 मई 2023 से 27 फरवरी तक राज्य में म्यांमार के 6,746 गैरकानूनी नागरिकों का पता चला है सीएम ने बोला कि बायोमेट्रिक डेटा संग्रह के बाद म्यांमार के 259 नागरिकों को उनके मूल जगह पर वापस भेज दिया गया, जबकि बाकी को आम जनता के साथ घुलने-मिलने से रोकने के लिए अस्थायी आश्रयों में रखा जा रहा है सिंह ने सदन को सूचित किया कि सत्र में भाग नहीं लेने वाले विधायकों के साथ वार्ता प्रारम्भ करने के लिए हिल एरिया कमेटी के डी गंगमेई की अध्यक्षता में एक सुलह टीम की स्थापना की गई है

 

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