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‘यदि मुद्दों को सड़कों पर ही उठाना है तो संसद के लिए निर्वाचित क्यों हुए’ : अनुराग ठाकुर

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर मणिपुर में अत्याचार को लेकर संसद में चर्चा से भागने का इल्जाम लगाते हुए सोमवार को प्रश्न किया कि यदि वे सड़कों पर ही मुद्दों को उठाना चाहते हैं तो निर्वाचित होने का भला क्या उपयोग? ठाकुर का यह बयान 20 जुलाई से प्रारम्भ हुए मानसून सत्र में विपक्ष के मणिपुर मामले पर पीएम नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग पर अड़े रहने के कारण संसद के दोनों सदनों में जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आया है.

केंद्रीय मंत्री ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से प्रश्न किया, ‘‘यदि आपको (विपक्ष को) सड़कों पर ही मामले उठाने हैं तो सदन में निर्वाचित होने का भला क्या उपयोग?” उन्होंने दावा किया कि मणिपुर की स्थिति पर गवर्नमेंट चर्चा कराने के लिए तैयार है.  गृह मंत्री अमित शाह ने भी लोकसभा में पिछले हफ्ते बोला था कि वह संसद में मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए तैयार हैं.  ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं विपक्ष से निवेदन करना चाहूंगा कि कृपया सदन में आयें और चर्चा में भाग लें.

वे जो भी मामला उठाना चाहें, गवर्नमेंट चर्चा के लिए तैयार है. विपक्ष की ऐसी क्या मजबूरी है जो वे चर्चा से भाग रहे हैं?” उन्होंने दावा किया कि विपक्ष सदन से ‘‘भागने” के मौके ढूंढता रहता है.  ठाकुर ने कहा, ‘‘वे सिर्फ़ भागने में विश्वास रखते हैं, चर्चा में भाग लेने में नहीं. वे खबरों में बने रहना चाहते हैं, किंतु चर्चा में भाग नहीं लेते हैं. यह साफ है कि वे चुनाव साल में राजनीति कर रहे हैं.

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गत सप्ताहांत 21 विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल मणिपुर गया था और उन्होंने इस पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति को बहुत ही ‘‘चिंताजनक” पाया और गवर्नमेंट पर ‘‘लोगों की पीड़ा से बेपरवाह रहने का” इल्जाम लगाया. कांग्रेस पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने सुझाव दिया था कि सत्तारूढ़ दल के सदस्यों को भी मणिपुर जाना चाहिए. इस पर ठाकुर ने हैरत जताते हुए बोला कि क्या विपक्षी नेता पश्चिम बंगाल जाने से ‘भयभीत’ हैं जहां हाल के पंचायत चुनावों के दौरान अत्याचार हुई थी.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अधीर 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल लेकर पश्चिम बंगाल क्यों नहीं गये? कांग्रेस पार्टी एवं कम्युनिस्ट पश्चिम बंगाल में कदम रखने से भयभीत हैं क्योंकि वे जानते हैं कि बंगाल में क्या होता है? वहां अत्याचार होती है, वहां मर्डर होती है, वहां अन्य क्राइम होते हैं…क्या आपने ममता बनर्जी गवर्नमेंट के डर से हार मान ली है?” उन्होंने आश्चर्य जताते हुए बोला कि क्या कांग्रेस पार्टी ने पश्चिम बंगाल से अपने पांव खींच लिये हैं जहां से उसका मात्र एक सदस्य संसद में पहुंचा है.

ठाकुर ने बोला कि गृह मंत्री ने मणिपुर में चार दिन बिताए थे और गवर्नमेंट इस पूर्वोत्तर राज्य में शांति स्थापित करने के कोशिश कर रही है. उन्होंने यह भी बोला कि विपक्ष को मणिपुर में स्थिति को अस्थिर करने तथा किसी अन्य ढंग से भड़काने वाली बात करने या भय फैलाने से बचना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि संप्रग गवर्नमेंट के शासनकाल में मणिपुर छह माह तक जलता रहा था तथा तत्कालीन पीएम एवं गृह मंत्री ने खामोशी साधे रखी थी.

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