इस वजह से देश की दो लोकसभा सीटों पर दो चरणों में हो रहा मतदान
मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने शनिवार को इनर मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर 22 अप्रैल को पुनर्मतदान कराने की घोषणा की. यह निर्णय निर्वाचन आयोग के उस निर्देश पर आया जिसने 19 अप्रैल को इन मतदान केंद्रों पर हुए मतदान को अमान्य घोषित करने और नए सिरे से मतदान कराने को बोला था. चुनाव आयोग के इस निर्णय के बाद मणिपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर दो चरण में मतदान हो रहे हैं. बाहरी मणिपुर सीट पर आयोग ने पहले ही दो चरण में मतदान कराने का निर्णय किया था. अब भीतरी मणिपुर के 11 बूथ में दोबारा मतदान होने से यह राष्ट्र की दूसरी सीट बन गई है, जहां दो चरण में मतदान हो रहे हैं.
चुनाव अधिकारी ने कहा कि जिन मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराया जाएगा, उनमें खुरई निर्वाचन क्षेत्र के मोइरंगकम्पु साजेब और थोंगम लीकाई, क्षेत्रीगाओ के चार, इंफाल पूर्वी जिले के थोंगजू में एक, उरीपोक में तीन, इंफाल पश्चिम जिले के कोंथौजम में एक मतदान केंद्र शामिल है.
क्यों हो रहा दोबारा मतदान?
जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर से गोलीबारी, धमकी देने, कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में तोड़-फोड़ करने और मतदान केंद्र पर कब्जा करने के इल्जाम सामने आए थे. मणिपुर की दो लोकसभा सीट आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर के लिए शुक्रवार को पहले चरण में मतदान हुआ और 72 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर की दो लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को हुए मतदान के दौरान चुनाव में गड़बड़ी और बूथ पर कब्जा करने का इल्जाम लगाते हुए 47 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की थी. कांग्रेस पार्टी की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष के.मेघचंद्र ने बोला कि पार्टी ने मणिपुर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास कम्पलेन दर्ज कराई है और ‘भीतरी मणिपुर’ निर्वाचन क्षेत्र के 36 और ‘बाहरी मणिपुर’ निर्वाचन क्षेत्र के 11 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराए जाने की मांग की है.
बाहरी मणिपुर में क्यों हो रहा दो चरण में मतदान
चुनाव आयोग ने जब लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का घोषणा किया था तभी यह साफ कर दिया था कि बाहरी मणिपुर में दो चरण में मतदान होंगे. यह राज्य पिछले एक वर्ष में अत्याचार से प्रभावित रहा है. यहां दो समुदाय के बीच संघर्स जारी है. इसी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने बाहरी मणिपुर में दो चरण में मतदान कराने का निर्णय किया था ताकि कानून प्रबंध बनाई जा सके और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए निष्पक्ष ढंग से मतदान हो. हालांकि, भीतरी मणिपुर में एक ही चरण में मतदान होना था, लेकिन यहां भी कई बूथों पर अत्याचार हुई. इसके बाद आयोग ने 11 बूथों पर दोबारा मतदान कराने का निर्णय किया है.