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मौन व्रत धारण कर मां सरस्वती की पूजा करने से मिलेगा विशेष फल

14 फरवरी को विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा आराधना की जाएगी सनातन धर्म में मां सरस्वती की अपना एक खास महत्व खासकर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिए यह पर अत्यंत जरूरी माना जाता है ऐसे में आज हम इस समाचार में आपको बताएंगे कि किस विधि और कौन से मंत्र के उच्चारण करने से मां सरस्वती प्रसन्न होगी और आपको विद्या प्रदान करेगी इस पर विस्तृत जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत यूनिवर्सिटी के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर कुणाल कुमार झा बताते है कि इस बार सरस्वती पूजा 14 फरवरी को मनाई जाएगी मौन व्रत धारण कर मां सरस्वती की पूजा करने से विशेष फल मिलेगा

श्री सूक्त मंत्र का जाप करने से बरसेगी कृपा
डॉ कुणाल कुमार झा बताते है कि 14 फरवरी यानि बुधवार होने के कारण सरस्वती जी का आराधना प्रातः सूर्योदय के बाद 9:28 बजे तक उत्तम समय है उसके बाद पूर्वाह्न में 11:00 बजे के बाद सरस्वती पूजन करने का उत्तम समय है, क्योंकि स्थिर लग्न में सरस्वती की स्थिरता होनी चाहिए खासकर जो भी पठन व्यावसाय से जुड़े विद्यार्थी एवं शिक्षक दोनों के लिए यह जरूरी पर्व है इसमें सरस्वती जी का आराधना श्री सूक्त मंत्र “ॐ धरणी विदारिणी भूल्यै नमः स्वाहा” मंत्र से करने पर विशेष फल की प्राप्ति होगी

खोर्चो विधि से मां सरस्वती की करें पूजा
डॉ कुणाल कुमार झा बताते है कि खोर्चो विधि से मां सरस्वती जी का पूजन करें मौन व्रत धारण कर सरस्वती मां के कवच का पाठ एवं सरस्वती की आराधना करने से चीर काल तक के जो भी पाप हैं, वह सब खत्म हो जाएंगे इस जन्म के साथ पूर्व जन्म के पाप भी नाश हो जाएंगे इसलिए सरस्वती कवच का पाठ सर्वोपरि होगा

खोर्चो पूजा विधि में गाय का दूध, दही, घी, शक्कर, मधु, गंगाजल, अक्षत, चंदन, फूल, पितृ बेलपत्र, वस्त्र और प्रसाद से मां सरस्वती की पूजा करनी होती है

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