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Bihar: ‘जब तक फांसी नहीं, तब तक ब्रह्मभोज नहीं’, दुलारचंद यादव के पोते का अनंत ‘प्रण’

Bihar: मोकामा के जनसुराज समर्थक (Jansuraj supporter) दुलारचंद यादव की हत्या की पुलिस जाँच जारी है। इस बीच, दुलारचंद यादव के पोते ने कहा है कि जब तक हत्या के पाँचों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल नहीं भेज दिया जाता, तब तक ब्राह्मण पर्व नहीं मनाया जाएगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “हम अपने दादा की हत्या में शामिल सभी पाँचों मुख्य आरोपियों की गिरफ़्तारी की माँग कर रहे हैं।”

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अनंत सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया है।

दुलारचंद के पोते ने यह भी कहा, “मेरे दादा की हत्या उनके विरोधियों ने स्थानीय प्रशासन (local administration)के कुछ लोगों की मदद से की थी। जब तक सभी पाँचों आरोपियों को गिरफ़्तार करके जेल नहीं भेज दिया जाता, हम ब्राह्मण पर्व नहीं मनाएँगे।” खबर है कि हत्या के मुख्य आरोपियों में से एक, बाहुबली नेता और पूर्व जदयू विधायक अनंत सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया है। दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में दो अन्य आरोपियों, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ़्तार किया गया है।

अनंत सिंह कड़ी सुरक्षा में।

पूर्व विधायक अनंत सिंह को बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। जेल प्रशासन ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष एहतियात बरते हैं। खबरों के मुताबिक, अनंत सिंह को उच्च सुरक्षा वाले डिविजन वार्ड (Division Ward) में रखा गया है, जहाँ किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनसे मिलने की अनुमति नहीं है।

अनंत सिंह की मेडिकल जाँच हुई

सूत्रों के अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि उनके कई विरोधी भी जेल में बंद हैं। उनके वार्ड के आसपास अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी  (additional security personnel) तैनात किए गए हैं। सोमवार को जेल में उनकी मेडिकल जाँच की गई और सभी पैरामीटर सामान्य पाए गए। उन्होंने जेल का सामान्य खाना खाया और उनका व्यवहार सामान्य बताया जा रहा है।

पुलिस अनंत सिंह को रिमांड पर लेगी

खबरों के अनुसार, पटना पुलिस चुनाव खत्म होने के बाद अनंत सिंह को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि रिमांड प्रक्रिया (Remand process) पहले शुरू की गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब उन्हें 6 नवंबर के बाद रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस उनसे न केवल पूरी हत्या की साजिश के बारे में जानकारी लेगी, बल्कि उनके दो नामजद भतीजों और अन्य आरोपियों की भूमिका के बारे में भी पूछताछ करेगी।

दुलार चंद की हत्या 30 अक्टूबर को हुई थी।

बताया जाता है कि गिरफ्तारी की रात से लेकर जेल भेजे जाने तक कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उनसे प्रारंभिक पूछताछ की। दुलार चंद यादव की हत्या 30 अक्टूबर को हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने 1 नवंबर की देर रात भागलपुर के बेढ़ना स्थित कारगिल मार्केट (Kargil Market) से अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को गिरफ्तार कर लिया।

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