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सफेद कपड़े पहनने वाले क्या सोचते हैं और असल में क्या होती है उनकी साइकोलॉजी

आपने नोटिस किया है कि कुछ लोग ज्यादातर सफेद रंग के कपड़े पहनना पसंद करते हैं साथ ही महत्वपूर्ण काम वाली जगहों पर तो वो सफेद पहनकर ही जाते हैं यदि साक्षात्कार के लिए जाते हैं तो भी व्हाइट पहनकर जाते हैं ये व्हाइट के प्रति प्रेम असल में उनका मन नहीं है बल्कि, ये ब्रेन की एक्टिविटी है दरअसल, ब्रेन इस रंग के साथ सहज होता है और इसी वजह से आप इसे अधिक पहनते हैं तो, आइए जानते हैं सफेद कपड़े पहनने वाले क्या सोच रहे होते हैं और असल में उनकी साइकोलॉजी (What is the psychology of wearing white) क्या होती है

White Color के कपड़े अधिक पसंद करते हैं तो ऐसी है आपकी साइकोलॉजी

दरअसल, सफेद रंग सबसे शांत और प्योर रंगों का अगुवाई करता है साइकोलॉजी में, सफेद अक्सर पवित्रता, मासूमियत और पूर्णता की भावना से जुड़ा हुआ है साइकोलॉजी में ये नयी शुरुआतों का प्रतीक है इसलिए ऐसा माना जाता है कि

-जो लोग सफेद रंग चुनते हैं, वे सफाई और शांति पसंद करते हैं
-कई बार ये obsessive compulsive disorder का संकेत होता है जिसमें आदमी साफ-सफाई और चीजों को ठीक रखने के पीछे जुनूनी होता है
-ऐसे लोगों की सोच साफ होती है और वे कुछ भी छिपाकर रखना पसंद नहीं करते यानी Extrovert personality के होते हैं
-जैसे सफेद रंग सारे रंगों को और निखारकर दिखाता है वैसे ही ये लोग लोगों के प्रकि Reflect back attitude रखते हैं यानी जैसे को तैसा

इन कारणों से लोग साक्षात्कार में व्हाइट पहनकर जाते हैं

दरअसल, साइकोलॉजी में ये रंग फ्रेश स्टार्ट का प्रतीक है इसके अतिरिक्त इस रंग की खास बात ये है कि ये सामने वाले लोगों की आंखों में भी ठंडक देता है और आपके प्रति उनके व्यवहार को सौम्य रखने में सहायता करता है हालांकि, सफेद रंग पहनने के पीछे लोगों के दूसरे कारण भी हो सकते हैं पर साइकोलॉजी ऐसे लोगों की पर्सनालिटी के बारे में ये बातें बताती है

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